ढाका
बांग्लादेश में एक किशोर को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी समकक्ष शेख हसीना का अपमानजक वीडियो बनाकर मजाक उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 19 वर्षीय रबीबुल इस्लाम को एजेंसियों ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। स्थानीय पुलिस अधिकारी के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया है कि रबीबुल पर बांग्लादेश की सरकार समर्थक नेता ने डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस के मुताबिक "उसने बांग्लादेश और भारत के प्रधानमंत्री की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए एक अपमानजनक वीडियो बनाया था और उसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया।"
बांग्लादेश में पीएम मोदी का विरोध कानून के तहत इस्लाम को 14 साल जेल की सजा हो सकती है। उस पर सरकार की मुखिया की छवि को बदनाम करने और कलंकित करने का आरोप लगाया जा सकता है। किशोर की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे को लेकर देश के कट्टरपंथी समूह हिंसात्मक प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ढाका पहुंचे थे। इस्लमालिक कट्टरपंथी समूहों ने नरेंद्र मोदी पर मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए दौरे का विरोध किया और सड़कों पर उतर आए जिसके चलते हिंसा भड़क उठी।
प्रदर्शन के दौरान झड़पों में एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए हैं। कट्टरपंथी समूहों ने हिंदू मंदिरों पर भी हमला किया। किस एक्ट में गिरफ्तारी ? इस्लाम को डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट 2018 के तहत गिरफ्तार किया गया है जिसे बांग्लादेश की सरकार विवादित सूचना और संचार तकनीकी (आईसीटी) एक्ट 2006 के बदले में लेकर आई थी। आईसीटी एक्ट के तहत अधिकारियों को ये अधिकार था कि वह किसी व्यक्ति को बिना किसी वारंट के 14 साल तक हिरासत में रख सकते हैं। डायचे वैले की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2018 तक इस एक्ट के अंतर्गत एक हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। काफी आलोचना के बाद इस कानून को हटाकर 2018 में डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट (डीएसए) लाया गया। सरकार ने दावा किया था कि इसमें एकपक्षीय गिरफ्तारी का प्रावधान हटाया गया है लेकिन नए कानून में आईसीटी एक्ट के कई सारे प्रावधान विभिन्न तरीकों से लागू कर दिए गए हैं।