रायपुर,
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के लिए शनिवार को रथ निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुक्रवार को बारसी उतारनी रस्म पूरी कर ली गई थी। जिसके बाद शनिवार से बस्तर के बकावंड ब्लॉक के झारउमरगांव व बेड़ा उमरगांव के 150 कारीगरों ने रथ निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है। सुरक्षित तरीके से रथ का निर्माण पूरा किया जा सके इसलिए परंपरा अनुसार मोंगरी मछली व बकरे की बलि देकर कामना भी की गई है। वहीं इस साल 4 पहियों का फूलरथ बनाया जा रहा है।
रथ निर्माण के लिए माचकोट, दरभा और जगदलपुर रेंज से करीब 50 घन मीटर साल की लकड़ियां लाई जाती हैं। जिससे करीब 20 फीट ऊंचे रथ का निर्माण किया जाता है। प्रशासन की माने तो रथ निर्माण करने में लगभग 15 दिनों का समय लग जाएगा। जानकारी के अनुसार, पिछले लगभग 610 सालों से नवरात्र के पूरे 9 दिनों तक मां दंतेश्वरी रथ में सवार होकर पूरे शहर की परिक्रमा करती हैं।
कोरोना के चलते इस बार भी पर्यटकों को अनुमति नहीं
लगभग 70 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा को देखने केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश और विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए यह दूसरा साल है कि पर्यटकों को आने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है। कोरोना की तीसरी लहर के चलते इस बार भी परंपरा अनुसार बस्तर दशहरा व मंदिर समिति, पुजारी व प्रशासन के द्वारा ही सारी परंपरा को पूरा किया जाएगा।
कलेक्टर ने लिया तैयारियों का जायजा
शनिवार को रथ निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जगदलपुर कलेक्टर रजत बंसल ने भी तैयारियों का जायजा लिया है। साथ ही मां दंतेश्वरी मंदिर के पास अव्यवस्थित रूप से लगी दुकानों को व्यवस्थित करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही मंदिर व जिया डेरा की तैयारियों का भी जायजा लिया है।