रायपुर
आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लिमिटेड की कॉर्पोरट अफेयर्स छत्तीसगढ़ हैड रहीं वर्षा झा इन दिनों पोस्ट कोविड ट्रॉमा से निजात पाने में लोगों की स्वेक्षा से निजी तौर पर सहायता कर रही हैं। अब तक वे स्वयं के खर्चे पर 3 दर्जन से ज्यादा लोगों को व्यक्तिगत तौर पर सहायता पहुँचा चुकी हैं। उनका मानना है की पोस्ट कोविड व्यक्ति शारीरिक कमजोरी के अलावा मानसिक तौर भी कमजोर हो जाता है। इस दौरान यदि प्रभावित व्यक्ति को समय पर सहायता नहीं मिले तो वह डिप्रेशन का मरीज बन सकता है। इसलिए कॉरोना संक्रमित होने के समय जितनी सावधानी बरती जाती है उतनी ही सावधानी संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी जरूरी है।
दरअसल आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लिमिटेड कंपनी से इस्तीफा देने के बाद इस संकट की घडी में वर्षा झा ने अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर जरूरतमंदों तक सहायता पहुँचाने का नेक काम कर रहीं है। वे संचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए अपने पूर्व कार्य क्षेत्र के लोगों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक काउंसलिंग करके सहायता पहुंचा रही हैं। हाल ही में वर्षा झा और उनके जीवनसाथी कोरोना संक्रमित हो गये थे और कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए दोनों निर्धारित समयावधि में कोरोना संक्रमण से मुक्त भी हो गए। लेकिन पोस्ट कोविड ट्रॉमा के कारण दोनों को विभिन्न प्रकार की शारीरिक और मानसिक पीड़ाओं का सामना करना पड़ रहा था। इस दौरान दोनों ने कुछ चिकित्स्कों से बार बार सलाह ली और खुद भी एकदूसरे के मानसिक तनाव को कम करने में मदद करके पोस्ट कोविड ट्रॉमा से जल्द बाहर आ गए।
वर्षा झा के मुताबिक हमदोनों पति-पत्नी ने जिन विषम परिस्थितियों चुनौतियों का सामना किया उसको देखते हुए हमने विचार किया की क्यों न जरूरतमंदों की सहायता की जाए। इसकी शुरूआत हमने अपने पुराने कार्यक्षेत्र बस्तर से की। इस दौरान हमे कोरोना की आम जानकारी से लेकर इसके पोस्ट इफैक्ट से सम्बंधित इलाज के लिए संपर्क साधा गया। हम चिकित्स्कों से रायमशवरा करवाकर उनकी हर संभव मदद करने की कोशिश करते रहे। इसके साथ साथ प्रवासी मजदूर और डोमेस्टिक हैल्पर्स को भी पोस्ट कोविड से सम्बंधित जानकारियों के जरिये मदद पहुंचाते रहे हैं। इस दौरान जरूरत मंदों को समय पर कोविशील्ड इंजैक्शन लगवाने की भी व्यवस्था करवाई। इसके अलावा व्यक्तिगत तौर पर हैण्ड सैनिटाइज?, ग्लव्ज, मास्क, वेपराइज?, रेस्पीरोमीटर भी डिस्ट्रीब्यूट किये।
वर्षा झा ने बताया की पोस्ट कोविड जिन्दगी को सामान्य होने में काफी समय लगता है लेकिन धीरज, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के जरिए इस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है। वे कहती हैं की दिन में 2 वक्त मेडिटेशन्स, 4-5 लीटर पानी का सेवन, हाई प्रोटीन युक्त भोजन, साँस लेने से सम्बंधित नियमित व्यायाम और सकारात्मक सोच ऊर्जा से भरे कार्यों में ध्यान लगाकर पोस्ट कोविड ट्रौमा के डिप्रेशन को दूर भगा सकते हैं। उनके मुताबिक रिकवर होने के बाद भी चिकित्सकों से नियमित सलाह लेते रहना चाहिए।















