पैसे की तंगी से गिरवी सोना बेचने का संकट, कई बैंक नीलामी की कर रहे हैं तैयारी

 नई दिल्ली 
 कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने एक बार फिर से गंभीर आर्थिक संकट पैदा कर दिया है। मौजूदा समय में बहुत सारे लोग वित्तीय परेशानी का सामना कर रहे हैं लेकिन गोल्ड लोन लेने वालों की परेशानी ज्यादा ही बढ़ गई है। दरअसल, गोल्ड लोन की ईएमआई चुकाने में असमर्थता और बैंकों द्वारा अतिरिक्त कोलेट्रल की मांग ने लोगों को अपना गिरवी सोना बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना महामारी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लोगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए घर में पड़े सोने की 90 फीसदी कीमत के बराबर कर्ज देने की सुविधा शुरू कराई थी। बैंकों ने इसके बाद गोल्ड लोन लेने वाले को सोने की कीमत के 90 फीसदी तक कर्ज दिया था। हालांकि, यह सुविधा 31 मार्च 2021 को खत्म हो गई है। अब नए नियम के मुताबिक, बैंक सोने की कीमत का 75 फीसदी के बराबर ही लोन देंगे। ऐस में बैंक पहले से गोल्ड लोन लिए हुए लोगों से अतिरिक्त सोना (कोलेट्रल) रखने की मांग कर रहे हैं। सोने की कीमत गिरने का भी असर हुआ है। ऐसे में वे न चाहते हुए भी अपना गिरवी सोना बेचने को मजबूर हैं।