नई दिल्ली
तीरथ सिंह रावत के शुक्रवार की रात अपने पद से इस्तीफा देने के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand) चार महीने में तीसरे मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग गई है. उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री तय करने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम मौजूद रहे. इस बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी. पुष्कर सिंह धामी खटीमा से विधायक हैं.
45 वर्षीय धामी उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं। सैनिक पुत्र होने के नाते उनमें अनुशासन कूट-कूट कर भरा हुआ है। महाराष्ट्र के राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के वह सलाहकार भी रह चुके हैं। धामी के पास संगठन का बहुत लंबा अनुभव भी है, लेकिन सत्ता का अनुभव मुख्यमंत्री बनने के बाद मिल पाएगा। धामी के मुख्यमंंत्री बनने के बाद उनके नेतृत्व में ही ही 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी उनको बधाई देने के बाद कहा कि धामी बहुत ही ज्यादा ऊर्जावान कार्यकर्ता हैं। चूकिं, वह उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं इसलिए युवाओं का पूरा स्पोर्ट मिलेगा।
पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि धामी ऊर्जावान होने के साथ ही युवा हैं, जो पार्टी को मजबूती देने के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करवाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तराखंड में एक मजबूत पार्टी है, जो पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कराएगी। कहा कि उनके अनुभव से प्रदेश को बहुत फायदा मिलेगा। सूत्रों की मानें, तो शपथ ग्रहण समाराेह कल रविवार को होगा।
विधायक दल की बैठक में नाम का ऐलान होने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सामने दावा पेश किया. अब कल शपथग्रहण समारोह होगा. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि धामी शनिवार को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वे आज शपथ नहीं लेना चाहते हैं.
आरएसएस के करीबी माने जाने वाले पुष्कर सिंह धामी बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे दो बार खटीमा से विधायक चुने जा चुके हैं. धामी का जन्म 16 सितंबर, 1975 को पिथौरागढ़ जिले में हुआ था.
बीजेपी के सभी विधायकों की दोपहर तीन बजे बैठक बुलाई गई थी. दिल्ली से पार्टी आलाकमान ने बतौर पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को देहरादून भेजा था. पुष्कर सिंह धामी के नाम की घोषणा होते ही पिछले कई दिनों से राज्य में चल रहा सियासी संकट भी खत्म हो गया है. यह संकट उस समय शुरू हुआ था, जब केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया था.