नई दिल्ली
साल 2018 में पुलित्जर अवॉर्ड से सम्मानित भारतीय जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान में मौत हो गई। वो कंधार में तालिबानी आतंकियों और सेना के बीच चल रही जंग को कवरेज करने गए थे। इस दौरान आतंकियों ने उनको अपनी गोली का निशान बना लिया, जिससे उन्होंने दम तोड़ दिया। काबुल में भारतीय दूतावास ने रविवार को पुष्टि करते हुए बताया कि उनको कई गोलियां लगी थी। दूतावास ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है। अब जानकारी मिल रही है कि पत्रकार दानिश सिद्दीकी की पार्थिव देह जामिया के कब्रिस्तान में दफन की जाएगी।
बता दें कि दानिश न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। दानिश इसी यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं। सिद्दीकी का पार्थिव शरीर काबुल से एयर इंडिया की फ्लाइट से शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं जामिया ऑथिरिटी ने सिद्दीकी के लिए अपने प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए इसकी मंजूरी दी है। आमतौर पर जामिया कर्मचारियों, उनके जीवनसाथी और नाबालिग बच्चों के शवों के लिए आरक्षित रहता है, लेकिन वीसी ने सिद्दीकी के परिवार द्वारा जामिया कब्रिस्तान में उनके शरीर को दफनाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि सिद्दीकी जामिया के पूर्व छात्र थे और उनके पिता मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी जामिया के पूर्व प्रोफेसर थे और जामिया नगर में रहते हैं। फोटो जर्नलिस्ट ने अपनी स्कूली शिक्षा जामिया से की थी और यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया था। वीसी नजमा अख्तर ने शनिवार को परिवार से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की थी।