नंदलाल जी की प्रसन्नता मन को दे रही है सुकून : गृह मंत्री डॉ. मिश्रा

भोपाल

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के धार्मिक अल्प-संख्यक 6 हिन्दू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता संबंधी प्रमाण-पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि बुजु़र्ग नंदलाल जी को भारतीय नागरिकता मिलने संबंधी प्रमाण-पत्र को पाने पर जो प्रसन्नता मिली है, उससे मन को असीम सुकून मिला है। डॉ. मिश्रा ने आज मंदसौर के 4 और भोपाल के 2 व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (गृह) डॉ. राजेश राजौरा और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं ओएसडी अशोक अवस्थी भी मौजूद रहे।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि भारत में वर्षों से शरणार्थियों के रूप में रह रहे धार्मिक अल्प-संख्यकों को नागरिकता प्रदाय करने के कार्य को तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों में निवासरत अल्पसंख्यक हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख जो कि धार्मिक प्रताड़ना के शिकार होकर लंबे समय से भारत में शरणार्थियों के रूप में निवासरत है। उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान करने संबंधी कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। डॉ. मिश्रा ने पाकिस्तान के सिंध (सखर) प्रांत से 1991 में भारत आकर बैरागढ़ में निवासरत नंदलाल पंजवानी, सिंध (सिंजेरो) से 1991 में भारत आकर मंदसौर में निवासरत अर्जुन दास और नारायण दास, सिंध (अटडी) प्रांत से 1999 में भारत आकर मंदसौर में निवासरत श्रीमती सौशल्या बाई, सिंध (सिंजेरो) से 1988 में भारत आकर मंदसौर में निवासरत जयराम दास और जकोबाबाद से 2005 में भारत आकर बैरसिया रोड़ भोपाल में निवासरत अमित कुमार को भारतीय नागरिकता प्रमाण-पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि नागरिकता प्रमाण-पत्र मिलने से शरणार्थी अब हमारे देश के नागरिक बनकर संवैधानिक विधानिक प्रावधानों के तहत मिलने वाले अधिकारों और सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।

गर्व है कि हम हिन्दूस्तानी कहलाएंगे

भारतीय नागरिकता प्रमाण-पत्र मिलने पर अर्जुन दास ने कहा कि हमें गर्व है कि उन्होंने कहा कि अब हम हिन्दूस्तानी कहलाएंगे। नंदलाल पंजवानी ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमें हर दो साल में औपचारिकताएँ पूरी करने की दिक्कतों से मुक्ति मिल गई है। अब हम अपना कारोबार स्वतंत्रतापूर्वक कर सकेंगे। श्रीमती सोशल्या बाई ने कहा कि 22 वर्षों के निरंतर प्रयासों के बाद नागरिकता मिलने पर बहुत खुशी हो रही है। नारायण दास ने कहा कि 31 वर्षों के बाद भारतीय नागरिकता के रूप में मिली है सबसे बड़ी खुशी। जयराम दास ने कहा कि इस खुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। अमित कुमार ने बताया कि आज के बाद हम बिना किसी दिक्कत के स्वतंत्रतापूर्वक अपना कार्य कर सकेंगे।