धार्मिक आस्थायें बनाम धार्मिक षड्यंत्र….आज के इस दौर में जरूरत है चिंतन की…”मयारू मोहन कुमार”

साहित्य,

आज कल सोशल मीडिया से भरे इस डिजिटल युग में क्या क्या नही हो रहा है , और कब क्या हो जायें ये भी कुछ कहा नही जा सकता है । हम सभी देख रहे हैं आज कल लोगो में धार्मिक साम्प्रदायिक भावनाओं को लेकर लोगो ने क्या मानसिकता बना लिया है । जिसका खुमार आज सोशल मीडिया में एक बुखार की तरह छाया हुआ है । हम ये नही कहते कि यह गलत है नही होना चाहिए , बिल्कुल होना चाहिए भला अपना धर्म समाज एवं सम्प्रदाय किसको प्यारा नही होता है होना भी चाहिए । अब यहाँ पर सबसे बड़ा चिंतन का विषय यह आता है कि लोगो के मन में अन्य धार्मिक साम्प्रदायिक भावनाओं को लेकर इतनी कट्टरता क्रूरता एवं द्वेष की ये गंदी भावना आखिर लाता कौन है ? आखिर ये आता कहाँ से है ?

ऐसे ही कई प्रश्न चिन्ह आज हमारे पास ही मौजूद है मित्रों जिन पर आज हमे चिंतन करने की आवश्यकता है । सोशल मीडिया के चकाचौंध से भरे आज के इस समय में लोग सोशल मीडिया के भवँर में ऐसे फंसे हुये है , कि मानो वे जल्दीबाजी में कुछ समझ ही नही पाते है और बिना सोंचे समझें ही कुछ भी कर बैठते है । क्यों क्योंकि विवेक संयम समझदारी और सोच विचार कर काम लेना जैसे शब्द तो मानों आज उनकी डायरी में ही नही है । अभी हाल ही कि एक घटना है जिसमें दो लोगो की आपसी लड़ाई ने एक घातक धर्म विरोधी साम्प्रदायिक दंगा का रूप ले लिया और लोग धर्म विरोधी गुटो में बटकर आपस में लड़ने लग गये । ये ही नही ऐसे ही अनेको घटनाये वर्तमान में आज हमारे समाज में घट रही है जो लोगो की निश्चेतना का परिचायक है ।

दूसरी घटना अभी कि है जिसमे सोशल मीडिया में एक पाँच साल की बच्ची का रेप और हत्या करने की घटना अचानक नवरात्रोत्सव में कहाँ है तुम्हारी मातारानी बोलकर वायरल किया जाता है । और लोग उसे बिना देखे बिना सोंचे समझे ही शेयर करते जाते है , बाद में जांच में पता चलता है कि ये घटना तो एक वर्ष पुरानी है और लोग फिजूल में ही उसके पीछे लगे हुये है । मित्रों अब तो आप समझ ही गये होंगे कि ये सभी घटनाये एवं मैसेजेस हमारे ही बीच के कुछ असामाजिक एवं गैर जिम्मेदार तत्व के लोग ही फैलाते है । जो लोगो कि आस्था एवं धार्मिक भावनाओं को आहत करके उनको आपस में धर्म एवं सम्प्रदाय के नाम पर लड़ने के लिए उकसाती है । अभी कुछ दिन पहले की ही बात है हमारे वॉटसअप के एक समूह में हमारे बीच के ही एक मित्र ने समूह में एक मैसेज ड़ाल जिसमे लिखा हुआ था आप कहाँ तक हिन्दू है ?

और भी उसमे लिखा हुआ था धोती कुरता पजामा सिंदूर टिका गुरुकुल विद्यायल बच्चों के लालन पालन जैसे कई विषयों पर सवाल करते हुये जवाब माँगा गया था । जिसे पढ़कर ही समझ में आ गया था कि कोई धार्मिक विचारधारा का आदमी अपने धर्म के भाइयों से इस तरह के सवाल तो नही पूछ सकता है । हो ना हो ये किसी षड्यंत्र के तहत ही लोगो की आस्था एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए ही भेजा जा रहा है जिसमे लोगो को हिन्दुत्त्वाद की कसम देकर शेयर करने की अपील किया जाता है और लोग उसे बीना सोंचे ही शेयर करते चले जाते है ।

मित्रों यह अपना एक महान भारत देश है जिसने पुरे विश्व में विश्वगुरु कि ख्याति प्राप्त की है । हमारा अपना भारत देश जहाँ पर हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जैसे ही बहुत से धर्म भाषा एवं सम्प्रदाय के लोग निवास करते है , इसीलिए तो हमारे देश को बहूसाम्प्रदायिक राष्ट्र कहते है । मित्रों आखिर में तो मैं बस इतना ही कहूँगा हमे जाति धर्म के नाम से इस तरह की आपसी लड़ाई से बचकर रहने की आवश्यकता है । ये हम सभी का देश है हमे सदभावना से सर्वधर्म समभाव की भावना से सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए , और बात जब देश कि आये तो सभी के दिलों में सिर्फ और सिर्फ अपने महान भारत देश का नाम आना चाहिए ।

-: मयारू मोहन कुमार निषाद
(गाँव – लमती , भाटापारा)