देश मेरा निराला भारत…”लक्ष्मी सिंह”

देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
प्रेम की बहती गंगा यहाँ
देश प्रेम से बड़ा धर्म न था
राम ने आचरण और
खुदा ने सीखाई कुर्बानी यहाँ
गुरुनानक ने मीठी वाणी और
ईसु ने सीखाया प्रेम यहाँ
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
खुसरो, रहीम, कबीर, और
मीरा, तुलसी, रैदास भक्त यहाँ
रामतनु मिश्रा तानसेन और
रसखान कृष्ण भक्त हो गये यहाँ
जहांगीर, सलीम, कलाम और
आर्यभट्ट,भास्कर,रमन ने भी
अपना परचम लहराया यहाँ
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
गौतम, महावीर, पैगम्बर ने भी
दिये जीवन के उपदेश यहाँ
आज जाति-धर्म की बातें कर
सब राम-रहीम में बंट गये यहाँ
हिन्दू-मुस्लिम, सिख-ईसाई
सबने किया अपने लहू से
धरती माँ का श्रृंगार यहाँ
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
नफरत के बीज बोने वालों
जोधा-अकबर, मानसिंह-मुबारक
सबने ही तो प्रेमगीत गाये यहाँ
शबरी के झूठे बैर राम ने खाये
इकबाल ने सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा गाया यहाँ
राम भक्त या आल्हा के बंदे
कहलाने से अच्छा क्यों न
हम देश भक्त कहलाये यहाँ
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
आओ मिलकर फिर से
प्यार की एक माला में
हम गूँथ जाये यहाँ
भेदभाव की जो बात कहे
उनके दिलों में देशप्रेम
के फूल खिलाये यहाँ
मंदिर में आजन कराये
मस्जिद में बजे घण्टा यहाँ
गुरुद्वारे में प्रेयर और
चर्च में लंगर यहाँ
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
देश मेरा निराला भारत
सब देशों से प्यारा था
आओ मिलकर फिर से
इसे प्यारा बनाये
आओ मिलकर फिर से
इसे प्यारा बनाये ।।

-:लक्ष्मी सिंह (रायपुर, छत्तीसगढ़)

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