देश में केवल 21 फीसदी आबादी को लगी दोनों डोज…वैक्सीन के बाद डेल्टा वायरस का घटता है संक्रमण का खतरा

नई दिल्ली,

कोरोना महामारी के बीच देश में कोविड-19 टीकों की संख्या 21 अक्टूबर को 100 करोड़ के पार पहुंच गई। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह भारत के विज्ञान और लोगों के सहयोग की विजय है। बता दें कि भारत में केवल 21 फीसदी ही ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है।

‘वैक्सीन लेने के बाद डेल्टा वायरस से 60 फीसदी तक घटता है संक्रमण का खतरा’

ब्लूमबर्ग के वैक्सीन ट्रैकर से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारत में 51.2 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई हैं। वहीं दोनों डोज लेने वालों की संख्या 21 फीसदी है। वहीं इस मामले में अन्य देशों की बात करें तो अमेरिका में 66.1 प्रतिशत लोगों ने सिंगल डोज ली और 57.1 फीसदी लोगों ने दोनों डोज ली है।

यूके में 71.1 फीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीन की सिंगल डोज तो 68% लोगों ने दोनों डोज ली है। वहीं चीन में 82.5% ने सिंगल और 74.8 फीसदी लोग डबल डोज ले चुके हैं। इसके अलावा रूस में 34.2 फीसदी लोगों को पहली डोज लगाई जा चुकी है, तो 31.1 फीसदी लोगों ने दोनों डोज ले लिया है।

फ्रांस में भी सिंगल डोज लेने वालों का आंकड़ा 78.5 फीसदी है और 76.5 प्रतिशत लोग वैक्सीन के दोनों टीके लगवा चुके हैं। इन देशों के मुकाबले भारत में दोनों डोज लेने वालों की संख्या काफी पीछे है। बता दें कि यह आंकड़े 21 अक्टूबर सुबह 9 बजे तक के हैं।

वहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात करें तो वहां 31.7 फीसदी लोगों को कोरोना की पहली डोज लगी है। दोनों टीके लगवाने वालों की संख्या महज 17 प्रतिशत है। बांग्लादेश में यह आंकड़ा पहली डोज के लिए 23.1% है तो वही डबल डोज लेने वालों की तादाद 11.6 फीसदी है। नेपाल में 22.7 फीसदी तो श्रीलंका में 58.8 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है। हालांकि इन देशों की आबादी के मुकाबले भारत की जनसंख्या काफी अधिक है।

बता दें कि भारत ने सिर्फ 278 दिन में ही 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार किया है। देश में कोरोना का टीकाकरण 16 जनवरी को शुरू हुआ था। मौजूदा समय में भारत में 63,467 केंद्रों पर कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। इनमें 61,270 सरकारी और 2,197 निजी केंद्र हैं।