सूरत
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का जिम्मा अब रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष को सौंप दिया गया है। दर्शना जरदोष खुद इस बात की जानकारी दी। दर्शना ने कहा कि, देश की बड़ी परियोजनाओं में से एक अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल के काम की देख-रेख मैं कर रही हूं। मुझे बताया गया है कि, महाराष्ट्र में भू-अधिग्रहण का काम अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि, उम्मीद है गतिरोध जल्द खत्म हो जाएगा और इसके लिए महाराष्ट्र सरकार से बात चल रही है। महाराष्ट्र सरकार अगर जमीन मामले को लेकर केंद्र का सहयोग करेगी तो परियोजना समय पर पूरी हो जाएगी।
बुलेट ट्रेन कब तक दौड़ेगी, इस सवाल के जवाब में रेल राज्य मंत्री ने कहा कि, देशवासी 2024 तक हाईस्पीड ट्रेन में सफर कर सकेंगे। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से गुजरात के अहमदाबाद शहर के बीच बुलेट ट्रेन का सफर 508 किलोमीटर का होगा, जो कि चंद घंटे में पूरा हो सकेगा। पिछले दिनों नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) की ओर से बताया गया कि, बुलेट ट्रेन के 237 किमी लंबे रूट में 5 प्रेस्ट्रेस और 7 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे। जिसके लिए 3 कंपनियों ने बोली लगाई थी, जिनमें सबसे कम बोली एमजी कांट्रेक्टर की है। जिसने 549 करोड़ की बोली लगाई। उसे ही ठेका दिए जाने की बात हुई।
एनएचएसआरसीएल के योजनानुसार, 237 किमी लंबे रूट पर जो ब्रिज बनने हैं, उसमें 4 प्रेस्ट्रेस कंक्रीट और 7 स्टील ब्रिज बताए गए हैं। ये सभी 11 ब्रिज एलएंडटी द्वारा पैकेज-सी 4 के तहत बनाए जा रहे कॉरिडोर में शामिल हैं। यह कॉरिडोर जारोली गांव से वडोदरा के बीच तैयार किया जा रहा है, जा कि बुलेट परियोजना का सबसे लंबा रूट भी है। इसमें वापी, बिलिमोरा, सूरत और भरूच स्टेशन भी बनाए जाने हैं। इससे पहले एक करार परियोजना के टी-2 पैकेज (वडोदरा-सूरत-वापी के बीच 237 किमी) के लिए हाई स्पीड रेल ट्रैक के डिजाइन के लिए भी किया गया था। जिसका एमओयू एनएचएसआरसीएल ने जापान रेलवे ट्रैक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) के साथ साइन किया।
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की ओर से बताया गया कि, कुल 28 ब्रिज बनने हैं। जिनके निर्माण में लगभग 70,000 मीट्रिक टन स्टील लगेगा। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में कुल 12 स्टेशन बनेंगे। मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन का रूट 508 किमी लंबा होगा।
एनएचएसआरसीएल का दावा है कि, यह दूरी महज 2:07 घंटे में तय की जा सकेगी। वहीं, जापानी अधिकारियों ने भी कहा कि, जो बुलेट ट्रेन भारत में दौड़ने वाली है उसकी रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे होगी। 2 ट्रेनें होंगी, जिसमें तेज स्पीड वाली एक ट्रेन सीमित स्टेशनों पर ही रुकेगी। वहीं, स्लो बुलेट ट्रेन 508 किमी की दूरी 3 घंटे में तय करेगी। वही, सभी 12 स्टेशनों पर ठहरेगी।
देश की पहली बुलेट ट्रेन का सफर विमान के किराए जितना महंगा हो सकता है। इसके किराए की अभी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन कहा जा रहा है कि इसमें सफर करने के लिए 3000 रुपये चुकाने होंगे। एनएचआरसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे का कहना है कि, अहमदाबाद से मुंबई के रूट पर यह हाईस्पीड ट्रेन 2023 के अंत तक दौड़ सकती है।