दमोह
मध्यप्रदेश में फिर एक तालिबानी हरकत हुई है। यहां गैरकानूनी रूप से सरेआम इस्लामिक ध्वज फहरा दिया गया। जब इस पर बवाल हुआ तो पुलिस झंडा निकालने लगी। इस पर झंडा लगानेवाले विरोध पर उतर आए। अंतत: पुलिस सख्ती पर उतरी और तब जाकर झंडा निकाला जा सका। इस तालिबानी हरकत का व्यापक विरोध किया जा रहा है।
गैरकानूनी रूप से इस्लामिक झंडा लगाने की यह घटना दमोह में हुई। यहां के व्यस्ततम क्षेत्र में स्थित घंटाघर पर सरेआम इस्लामिक झंडा फहरा दिया गया। कानूनन घंटाघर राजकीय संपत्ति है और यहां किसी भी धर्म—संप्रदाय आदि का झंडा लगाना प्रतिबंधित है। बताया जाता है कि बुधवार को सुबह कुछ युवकों ने घंटाघर पर चढ़कर यह झंडा लगाया था।
घंटाघर पर गैरकानूनी रूप से लगे ध्वज को देखकर लोग सक्रिय हुई और पुलिस—प्रशासन को इसकी शिकायत की गई। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची और ध्वज को निकलवाने का काम शुरु किया; पुलिस को ध्वज निकालते देख यहां कई युवा एकत्रित हो गए और उन्होंने झंडा निकालने का बाकायदा विरोध करना शुरु कर दिया. इस पर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, तब जाकर युवा झंडा निकालने पर राजी हुए।
इस संबंध में कोतवाली टीआई सत्येंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि घंटाघर प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बाद भी यहां धर्मविशेष का झंडा लगा दिया गया था. इसकी शिकायत मिलते ही शहर के मुस्लिम समाज द्वारा नियम विरुद्ध लगाए ध्वज को निकाला गया। इस काम में नपा कर्मचारियों का भी सहयोग लिया गया। पुलिस के अनुसार घंटाघर पर किसी भी धर्म से जुड़े झंडे, बैनर या पोस्टर लगाना गैरकानूनी है।
जानकारी के अनुसार घंटाघर पर अनेक ध्वज लगाए गए थे। पुलिस और नपा कर्मचारियों ने सभी झंडे निकाल लिए हैं। जब पुलिस और नगर पालिका की टीम घंटाघर पहुंची और ध्वज निकालने की कार्रवाई शुरु की तो धर्म विशेष के युवाओं ने आपत्ति भी जताई। पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी देने के बाद भी ये युवा बमुश्किल माने।