भोपाल
भाजपा का प्रदेश संगठन दमोह उपचुनाव में मिली हार के मामले में कुछ और पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर जल्द एक्शन ले सकता है। पार्टी उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा सकती है। इसके लिए पार्टी सोशल मीडिया पर खासतौर पर निगरानी कर रही है कि हार के लिए जिम्मेदार ठहराए गए नेताओं को लेकर कौन नेता, कार्यकर्ता किस तरह की बयानबाजी कर रहा है। वहीं पार्टी के जिला कार्यालय के अनुसार अभी तक किसी भाजपा कार्यकर्ता का इस्तीफा पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचा है।
दमोह के पांच मंडल अध्यक्षों, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सिद्धार्थ मलैया के निलंबन और पूर्व मंत्री जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद दमोह में कुछ भाजपा नेताओं ने विरोध स्वरूप इस्तीफे दिए जाने की चर्चा कल थी। इसमें भाजयुमो कार्यकर्ताओं के नाम आगे थे। इस मामले में पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी दफ्तर कल पूरे दिन खुला था लेकिन कोई इस्तीफा नहीं आया। कार्यालय प्रभारी को इस्तीफा आने पर स्वीकार करने की सहमति भी दी जा चुकी है क्योंकि इस मामले में पार्टी का निर्णय सख्त है।
इतना ही नहीं पार्टी अनुशासनहीनता के मामले में आगे भी कार्यवाही करने की तैयारी में है। दमोह जिला भाजयुमो के कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर जल्दी ही प्रदेश संगठन के निर्देश पर कार्यवाही की जा सकती है जिनकी भूमिका पार्टी विरोधी पाई गई है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी इसके साथ ही सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर बयानबाजी करने वाले और पार्टी विरोधी पोस्ट डालने वाले नेताओं की भी निगरानी कर रही है।
संगठन का कहना है कि अगर किसी को कुछ कहना है तो पार्टी फोरम पर बात करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर बयानबाजी अनुशासनहीनता माना जाएगा।