नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में स्वदेशी उत्पादों की खरीद करने और त्योहारों को सतर्कता के साथ मनाने की अपील देशवासियों की है। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का कीर्तिमान पाने में 130 करोड़ नागरिकों की कर्तव्यशक्ति लगी है। दुनियाभर में भारत को बड़े फार्मा हब की स्वीकृति मिली है, यह आगे और मजबूत होगी।
‘वैक्सीन लेने के बाद डेल्टा वायरस से 60 फीसदी तक घटता है संक्रमण का खतरा-100 करोड़ वैक्सीनेशन ने सभी जवाब दिए…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अक्टूबर को देश के नाम अपने संबोधन दिया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके। लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है।
130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी- प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन डोज एक संख्या भर नहीं है, ये देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब है। ये उस नए भारत की तस्वीर है जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें हासिल करना जानता है।
इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है इसलिए ये सफलता हर देशवासी की सफलता है। उन्होंने कहा कि अब दुनिया भारत को कोरोना से ज्यादा सुरक्षित मानेगी। एक फॉर्मा हब के रूप में भारत को जो स्वीकृति मिली है उसे और मजबूती मिलेगी।
विज्ञान की कोख से जन्मा वैक्सीनेशन अभियान- प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देशवासी को वैक्सीन देने के लिए ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया गया। इसके लिए सुनश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो। भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।
स्वदेशी सामान की खरीद करने की अपील- प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है तो मेरे देश का उत्पादक, मेरे देश में बने सामान, मेरी दिवाली और भी भव्य बना सकते हैं। हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है।
हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए आगे कहा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा।