कोंडागांव
देश में गुणवत्ता नियंत्रण की शीर्ष केंद्रीय शासकीय संस्था भारतीय मानक संस्थान ने बस्तर के कृषि विशेषज्ञ तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी को कृषि मशीनरी तथा कृषि यंत्रों की गुणवत्ता नियंत्रक समिति का सदस्य बनाया है।
भारतीय मानक ब्यूरो भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली शीर्ष संस्था है। यह उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्य करती है। पहले इसका नाम भारतीय मानक संस्थान थी जिसकी स्थापना सन् 1947 में हुई थी। अपनी नियुक्ति के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि देश की 70त्न जनसंख्या सीधे अथवा परोक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है, और खेती आज पूरी तरह से घाटे का सौदा बन चुकी है। उन्नत तथा किफायती कृषि यंत्रों के बिना अब लाभदायक खेती संभव नहीं है। इसलिए अब कृषि यंत्रों की गुणवत्ता का प्रभावी नियंत्रण देश हित में बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि देश की 84प्रश किसान 4 एकड़ अथवा उससे भी कम कृषि जोत वाले हैं। इनके लिए छोटे-छोटे किफायती कृषि यंत्रों के विकास तथा उनकी वाजिब कीमत एवं गुणवत्ता पर प्रभावी नियंत्रण बेहद जरूरी है। देश में आज गुणवत्ता विहीन चीनी कृषि यंत्रों की बाढ़ आई हुई है, यहां तक की इन चीनी कृषि यंत्रों पर जाने अनजाने में भारी मात्रा में सरकारी अनुदान भी दिया जाने लगा है, जो कि बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। जिस पर समुचित नियंत्रण बहुत जरूरी है। डॉक्टर त्रिपाठी ने यह भी कहा की ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ट्रैक्टर ट्रालियां आज भी बहुत ही असुरक्षित हैं और आए दिन यह पलट जाती हैं। देश मेंइन ट्रैक्टर ट्रालियों के पलटने से लाखों किसान मजदूरों की जाने जा चुकी हैं। इसलिए इसमें सुरक्षा संबंधी और अधिक सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। ट्रैक्टर की ट्रालियों की गुणवत्ता पर भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रभावी नियंत्रण किया जाना चाहिए, जिससे कि लोगों की जानें बचाई जा सके।