टोक्यो
जापान के सर्वोच्च चिकित्सा संगठन ने टोक्यो ओलंपिक को रद करने की मांगों को तेज करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों पर पहले ही बहुत दबाव है। ओलंपिक शुरू होने में तीन महीने से भी कम समय बचा है। लेकिन इसके चलते वैश्विक महामारी के और विकराल रूप लेने की आशंका है।
टोक्यो मेडिकल प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करते हुए प्राथमिक चिकित्सा के करीब छह हजार डाक्टरों ने कहा कि ओलंपिक के मेजबान शहर टोक्यो के सभी अस्पताल कोविड-19 के संक्रमण के चलते पहले से ही पूरे भरे हुए हैं। अब उनकी क्षमता बढ़ाने का फिलहाल कोई उपाय नहीं हो सकता है।
टोक्यो मेडिकल प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन ने विगत 14 मई को जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा को खुले पत्र में लिखा कि वह बहुत संजीदगी से कह रहे हैं कि पूरा प्रशासन मिलकर आइओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी) को इस बात के लिए मनाएं कि वह टोक्यो ओलंपिक रद कर दें। चूंकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के दौर में खेलों के आयोजन कराना बेहद कठिन होगा। इसलिए खेलों को रद कराना बेहद जरूरी हो गया। यह पत्र एसोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को जारी किया था।
31 मई तक टोक्यो और कुछ अन्य आपात स्थितियां तीसरे चरण में हैं। अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वास्थ्य समूहों ने कहा कि हजारों लोगों ने खेल रद करने की आनलाइन पेटिशन साइन की थी। 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए कोविड-19 के प्रोटोकालों का पालन करते हुए आठ खेलों की तैयारियां जारी हैं। इसमें एथलेटिक के टेस्ट शामिल हैं। इसके लिए मई की शुरुआत में ही 420 एथलीट टोक्यो आ गए थे। हालांकि अमेरिकी ट्रैक और फील्ड टीम समेत प्री-ओलंपिक ट्रेनिंग कैंपों को पहले ही रद किया जा चुका है।