जो देश अपने इतिहास को नहीं जानता वह गुलामी के मार्ग पर खड़ा रहता है: मंत्री सिंह

सागर
आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए मध्य प्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि  पूरा देश आजादी की इस 75वी सालगिरह को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इसे अमृत महोत्सव के रूप में मानने का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी और आने वाले पीढ़ी को भारत के इतिहास, संस्कृति और महापुरुषों से रूबरू कराना है। उन्होंने कहा कि, जो देश अपने इतिहास को नहीं जानता वह लार्मी के मार्ग पर खड़ा रहता है। आज यह आवश्यक है कि, वर्तमान पीढ़ी अपने देश के इतिहास को जाने और यहां की समृद्ध संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाये।

उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आजादी के 75 वर्ष को मनाया जाए साथ ही प्रतियोगिताएं जैसे  स्वतंत्रता संग्राम के 75 स्थलों, स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित 75 महापुरुषों के जीवन आदि से संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित कर युवाओं को इस महोत्सव से जोड़ें एवं विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस पर्व की महत्ता को समझाने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ कि, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की। स्वतंत्रता के पर्व पर हम सभी यह संकल्प लें कि, गुलामी के प्रतीकों को छोड़ स्वाभिमानी भारत की ओर बढ़ते भारत के विकास में सहयोगी बनेंगे। हमें आज भी बहुत मेहनत और कार्य करने की जरूरत है परंतु निश्चित तौर पर भविष्य में भारत विश्व गुरु के रूप में जाना जायेगा।

विधायक जैन ने कहा कि, हम सब खुशनसीब हैं कि, हम आजादी का 75 वा अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस महोत्सव के पीछे हमारे देश के उन लाखों भाइयों बहनों का स्वतंत्रता संग्राम का योगदान है  जिनकी कुबार्नी और देश प्रेम से हमें हम आज आजाद भारत में स्वतंत्रता से रह रहे हैं। एसवीएन के अनिल तिवारी ने बताया कि, उनकी संस्था में हथकरघा, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, मधुमख्खी पालन, कृशि, जैविक कृषि का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है और लगभग 10 महिलाओं को प्रषिक्षण हेतु छिदवाड़ा के सौसर भेजकर गौ काष्ट से धूपवत्ती, अगरबत्ती, स्मृति चिन्ह बनाने का भी प्रशिक्षण दिलाया गया है जिसका व्यवसायिक उत्पादन शीघ्र प्रारंभ हो जायेगा।

आत्मनिर्भर सागर की दिशा में महिलाओं को प्रधानमंत्री पथ विक्रेता ऋण योजना का लाभ दिलाकर 110 महिलाओं को 10-10 हजार रुपए दिलवाये गये साथ ही महिलाओं का एक समूह बनाकर उन्हें वित्त पोशित कराया गया। विभिन्न बैंकों से अनुदान स्वरूप भी सहायता दिलवाई एवं घरों, बाजारों, मुहल्लों में अपनी दुकान स्थापित कर उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं का विक्रय कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को मनाया गये इस उत्सव के दौरान पूरा रविन्द्र भवन आजादी के रंग में सराबोर था। इस अवसर पर आजादी के देश भक्ति गीत, शहीद योद्धाओं के परिवारों का सम्मान, कोरोना काल में सागर में जन सेवा करने वाली संस्थाओं एवं लोगों का सम्मान और प्रसस्ति पत्र प्रदान किये गये।