जैजैपुर के गांवो में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब

जैजैपुर। चाहे कोई भी हो, और अपने परिवार के प्रति कैसा भी व्यवहार रखता हो। बावजूद इसके वह सुबह के समय घर से निकलकर मजदूरी करने के लिए चलता है तो उसके दिलो दिमाग पर केवल बच्चों व परिवार की खुशी के लिए एक चमक होती है। दिनभर हाड़ तोड़ मेहनत करने वाला शराब का शौकीन मजदूर शरीर की थकान उतारने के लिए दो घूंट शराब पीने की सोचता है। लेकिन वह उस वक्त सोच में पड़ जाता है जब देशी या फिर अंग्रेजी शराब के ठेके पर एक तो मंहगी, उस पर ओवर रेट शराब खरीदनी पड़ती है।

इन हालात में वह सस्ती शराब की चाहत में अवैध शराब माफिया के चंगुल में फंसकर अपनी जिदंगी दांव पर लगा डालता है। इसके चलते शराब माफिया गरीब मेहनतकश मजदूरों की जिदगी से खेलते है। आये दिन विभिन्न गांव से जहरीली शराब पीने से मौत के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। इन मौतों के लिए ओवर रेट शराब बेचा जाना भी किसी हद तक जिम्मेदार है।

एक तो तस्करी और दूसरे ओवररेटिग। वृत जैजैपुर उप निरीक्षक आबकारी अफसर माफिया के सामने घुटने टेक चुके है। विशेष तौर पर देहात के गांवों में कच्ची शराब की भ_ियां दहक रही, लेकिन इसे दरकिनार किया जाता रहा। माफिया मौज उड़ाते रहे। जैजैपुर क्षेत्र में देशी व विदेशी शराब पर सालों से ओवररेटिग का धंधा चलता आ रहा है। हाल यह है कि प्रति बोतल, पव्वा, अधा व बीयर पर 10 से 20 रुपये तक अवैध तरीके से वसूले जा रहे हैं। अवैध व तस्करी की शराब पकडऩे के लिए आबकारी विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई।

आबकारी अधिकारियों को शुरू से ही जानकारी रहती है कि किन किन गांवों में अवैध शराब की भ_ियां चलाई जाती है। यदि पिछले पांच साल का रिकॉर्ड देखे तो सैकड़ों से ज्यादा भ_ियां विभाग टीम ने पकड़ी। लाखों लीटर लहन व कच्ची शराब बरामद कर उसे बिस्मार किया। विडंबना रही कि टीम कभी भी माफिया तक नहीं पहुंच सकी।

पूरे जैजैपुर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर कच्ची व अवैध शराब बेची व निर्माण की जाती रही। इस धंधे को नेस्तनाबूद करने के लिए बनाए आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ही धंधे के लिए सहयोगी बने हुए हैं। आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारियो द्वारा मुखबिर की सूचना पर गांव गांव अवैध शराब माफिया के घर दंबिश दी जाती है और अवैध शराब भी पकड़ी जाती है लेकिन कार्रवाई शून्य है।