जेएसपीएल-मशीनरी डिवीजन में विश्वकर्मा पूजा परम्परागत उत्साह और भक्ति भाव से संपन्न हुआ

रायपुर,

नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के मंदिर हसौद स्थित परिसर में आज प्रातः इंजीनियरों-शिल्पकारों-रचनाकारों के ईष्टदेव भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा परम्परागत उत्साह और भक्ति भाव से संपन्न हुई। 1631861604416

जेएसपीएल परिसर के शेड नंबर-4 में पूरे विधि-विधान से भगवान श्री विश्वकर्मा जी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना कर कर्मचारियों ने जेएसपीएल के निरंतर विकास की उनसे प्रार्थना की। यूनिट हेड अरविंद तगई और महाप्रबंधक श्री सुनील गुप्ता ने संयुक्त रूप से विधिपूर्वक भगवान की आराधना की। इस अवसर पर अनुष्ठान पं. वी.पी. पांडेय के करकमलों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुकेश तिवारी, रविंदर शर्मा, कार्मिक प्रमुख सूर्योदय दुबे समेत अनेक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। 1631861604392 

कहते हैं कि विधिपूर्वक भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा करने से रोजगार और व्यवसाय में तरक्की मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसारभगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पी कहा जाता है। वे निर्माण एवं सृजन के देवता हैं। वे संसार के पहले इंजीनियर और वास्तुकार कहे जाते हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसारसंसार में जो भी निर्माण या सृजन कार्य होता हैउसके मूल में भगवान श्री विश्वकर्मा जी विद्यमान होते हैं। उनकी आराधना से कोई भी कार्य बिना विघ्न पूरे हो जाते हैं। पौराणिक आख्यानों के अनुसार विश्वकर्मा जी ने सृष्टि की रचना में ब्रह्मा जी का सहयोग किया तथा पूरे संसार का मानचित्र बनाया। भगवान श्री विश्वकर्मा जी ने स्वर्ग लोकश्रीकृष्ण की नगरी द्वारिकासोने की लंकापुरी मंदिर के लिए भगवान श्री जगन्नाथजीबलभद्रजी एवं सुभद्राजी की मूर्तियोंइंद्र के अस्त्र वज्र आदि का निर्माण किया। ऋग्वेद में श्री विश्वकर्मा जी के महात्म्य का उल्लेख है।

जेएसपीएल के मंदिर हसौद परिसर में प्रत्येक वर्ष धूमधाम से भगवान श्री विश्वकर्मा जी का जन्मोत्सव मनाया जाता हैजिसमें सभी कर्मचारी सपरिवार सम्मिलित होकर अनुष्ठान करते हैं।