। माँ-बाप ।।
जीवन है अनमोल,कभी यदि बाँटो घर को।
तुमको माँ का प्यार,मिले दौलत कायर को।।
जीवन है अनमोल, कभी ना रोते देखा।
थककर भी ना यार,पिता को सोते देखा।।
जीवन है अनमोल,उन्हें हम देव जानते।
मातायें अति धीर , पिता गंभीर मानते।।
जीवन है अनमोल, अगर माँ-बाप सताये।
धर्म-कर्म सब पुण्य,आँसुओं में बह जाये।।
जीवन है अनमोल,दुखे दिल माँ बेचारी।
जाओगे तुम हार,जीतकर दुनिया सारी।।
जीवन है अनमोल, ज्योतिषी उन्हें मानते।
माँयें मन की बात ,पिताजी पीर जानते।।
जीवन है अनमोल,कहा क्यूँ ऐसा उसने।
सभी पालते पुत्र,किया क्या बापू तुमने।।
जीवन है अनमोल, कष्ट मत धरना यारों।
माँ- बाबा को दूर, विदा मत करना यारों ।।
बलराम सिंह”बल्लू-बल”