जीवन तो हम सभी जीते हैं पर कैसे जीआ जाए यह जानना जरूरी है – अग्रवाल

रायपुर
छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन की महिला इकाई द्वारा आयोजित आठ दिवसीय जीवन विद्या शिविर के शुभारंभ अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने कहा कि जीवन तो हम सभी जीते हैं पर कैसे जीआ जाए यह जानना जरूरी है। महिलाएँ रात और दिन परिवार को संभाले रखने के लिए यत्न करती हैं परन्तु फिर भी छोटी – छोटी सी बातों से स्थितियां बनती और बिगड़ती रहती है। यही सब कुछ हमें इस शिविर में जानना है कि कैसे हम घर गृहस्थी व दिनचर्या को श्रेष्ठ  मार्ग पर लेकर जाए और कैसे मैनेज करें,उच्च कोटि के आदर्शों से जीवन जीने की कला ही जीवन विद्या हैं।

शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर, भगवान अग्रसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शिविर का शुभारंभ किया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के जनजागृति प्रकोष्ठ के संयोजक अरुण सदाराम अग्रवाल ने कहा कियह जीवन विद्या, नागराज जी के दर्शन से ओतप्रोत है। अछोटी (छत्तीसगढ़) से प्रारम्भ हुआ यह पाठ्यक्रम पूरे राष्ट्र में हैप्पीनेस कार्यक्रम के माध्यम से फैल चुका है। जीवन में विद्या में बहुत से प्रबोधक है जो निस्वार्थ भाव से लगे हुए हैं, जिन्होंने दिल्ली सरकार के कहने पर हैप्पीनेस पाठ्यक्रम भी वहाँ के लिए बना कर दिया है,जो सफलतापूर्वक पूरे देश और विदेश में भी अपनी पहचान बना चुका है। महिला संगठन की प्रांतीय अध्यक्षा श्रीमती गंगा अग्रवाल ने कहा कि बहुत दिनों से दिन प्रतिदिन की सामाजिक समस्याओं से रूबरू होने का अवसर मिला, तब मन में यह विचार आया कि क्यों न हम महिलाओं के लिए ऐसा कुछ करें जो उनके जीने की दिशा बदल सके उन्हें हैप्पीनेस की ओर ले जा सकें,जिसे आज हम कार्यरूप में परिणित कर पा रहे हैं,इसे पूरा करने में अशोक जी और अरुण जी ने हमारा भरपूर मार्गदर्शन किया है,

शिविर को सम्बोधित करते हुए प्रमुख प्रबोधक श्रीमती अनिता शाह ने बताया कि हमें शिविर क्यों करना चाहिए, सुबह से शाम तक क्या, क्यों करना है वह इच्छा लगाएं तो, हम क्या चाहते हैं यह निकल कर आ जाएगा । जीवनविद्या यह एक प्रस्ताव है हर मानव का समस्त प्रयास केवल और केवल सुख,शांति व संतोष के लिए आनंद के लिए होता है और जो चाहते हैं वह मिल रहा है कि नहीं। यह जांच ना महीने में, साल में, 10 साल में, अभी तक की लाइफ में सुख शांति संतोष आनंद की क्या स्थिति है दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है या कम हो रहा है यह एक जैसा है या आगे भी ऐसा ही मिलेगा इसका विश्वास है  या शंका है। विश्वास का आधार क्या है, स्वयं धन पर रोक बल व हुनर के प्रति, उन्होंने बताया कि यदि हमें स्वयं पर विश्वास नहीं है और हमें हुनर रूप धन पद बल है तो हमें अहंकार आ जाएगा दूसरा यदि हमें हुनर नहीं है और विश्वास भी नहीं है तो हमारे में कुंठा आ जाएगी तीसरा यदि हुनर भी नहीं है और विश्वास भी नहीं है तो हम सीखने और समझने की ओर जाएंगे और यदि  विश्वास और हुनर दोनों है,तभी हम सिखाने और समझाने की ओर जाएंगे। इस अवसर पर श्रीमती सुमन हरीश अग्रवाल, श्रीमती सुमन गोपाल अग्रवाल, श्रीमती खुशबू केडिया,  श्रीमती संगीता हरलालका, श्रीमती मंजू अग्रवाल ,श्रीमती पूनम गोयल ,श्रीमती ललिता अग्रवाल, श्रीमती प्रीति प्रमोद अग्रवाल व श्रीमती अनीता अग्रवाल के अन्य सदस्य उपस्थित थे।