भोपाल
राजधानी भोपाल में सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए स्वस्थ आहार सेवा योजना शुरू की है। ये सुविधा उन अस्पतालों के लिए है जहां कोरोना मरीजों के लिए खाने का इंतजाम नहीं है। योजना के तहत सरकार शहर की सामाजिक संस्थाओं की मदद से मरीजों को पौष्टिक खाना उपलब्ध कराएगी। भोपाल में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। सब ठीक चला तो फिर इसे बाकी जिलों में लागू किया जाएगा।
भोपाल शहर के 110 अस्पतालों में खाने की सुविधा नहीं है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा मरीज के परिवार वाले जब अस्पताल में खाना देने जाते हैं तो उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए यह योजना कारगर साबित होगी। मरीज को भी अस्पताल में पौष्टिक आहार मिल जायेगा।
एम्स, जेके अस्पताल, पीपुल्स, हमीदिया सहित कई अस्पतालों में मरीजों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। जो मरीज बाहर से आए हैं उनके परिवार भी उनके साथ ही भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। ऐसे में शहर की कई सामाजिक संस्थाएं इन लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचा रही हैं। रोजाना संस्थाओं की गाड़ी अस्पतालों के बाहर देखी जा सकती है। जरूरतमंद लोगों को खाने के पैकेट दिए जाते हैं ताकि उन्हें भटकना न पड़े।
सारंग ने बताया कि जिला आपदा प्रबंध समिति और कोरोना कर्फ्यू की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात सामने आयी थी कि कोरोना कर्फ्यू के कारण अस्पतालों में मरीजों को भोजन पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सारंग ने बताया कि नि:शुल्क स्वस्थ्य आहार सेवा के लिए एक हेल्प लाइन नंबर भी जल्दी शुरू होगा। इस नंबर पर मरीज के परिजन जिस अस्पताल में मरीज भर्ती हैं वहां भोजन पहुंचाने के लिए बोल सकेंगे।