भोपाल
ज्योतिरादित्य सिंधिया दोबारा उसी सरकारी बंगले में जाने वाले हैं जहां वे पहले रहते थे। यह वही बंगला है जो 33 सालों पहले उनके पिता माधवराव को आवंटित हुआ था, तब ज्योतिरादित्य 13 साल के थे। इसी बंगले में उनका बचपन बीता और स्कूल की शिक्षा हासिल की। दिल्ली के 27 सफदरजंग रोड का यह बंगला कभी राजनीति का केंद्र हुआ करता था।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (JM_Scindia/) को दिल्ली में सरकारी बंगला आवंटित की प्रक्रिया चल रही है। वे पिछले दो वर्षों पहले किराए के बंगले (बिरला हाउस-7) में रहने चले गए थे। 27 सफदरजंग रोड स्थित टाइप-8 बंगले को ज्योतिरादित्य ने उस समय खाली कर दिया था, जब वे मध्यप्रदेश के गुना से लोकसभा का चुनाव हार गए थे। तब बेमन से उन्होंने यह बंगला खाली किया था। बाद में यह बंगला केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को आवंटित हो गया था।
इन्हें बंगला खाली करने का नोटिस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले संपदा निदेशालय की ओर से कैबिनेट से हटाए गए पूर्व मंत्रियों को नोटिस भेजा जा चुका है। इनमें रमेश पोखरियाल निशंक, डॉक्टर हर्षवर्धन, सदानंद गौड़ा और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर आवंटित 12 जनपथ के बंगले को भी खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया है। इसमें रहने वाले चिराग पासवान ने कुछ दिन का वक्त मांगा है, लेकिन उनकी मांग खारिज कर दी गई है। उन्हें अब जल्द से जल्द बंगला खाली करना होगा।
इसी बंगले से है भावनात्मक लगाव
33 साल पहले 1980 में यही बंगला ज्योतिरादित्य (Union Minister for Civil Aviation) के पिता महाराजा माधवराव सिंधिया के नाम पर आवंटित हुआ था। तब माधव राव राजीव गांधी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। माधव राव 1980 से 2001 तक इस बंगले में रहे। 2001 में एक हवाई दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। इसी बंगले से उनकी अंतिम यात्रा निकली थी। तब से 2019 तक ज्योतिरादित्य इसी बंगले में रहते आ रहे थे।