रायपुर
- यदि किसी छात्र ने बीते 2 सालों से स्कूल ड्रेस नहीं खरीदी हैं तो सिर्फ परीक्षा के लिए कपड़े खरीदने की जरूरत नहीं है छात्र बगैर यूनिफॉर्म सिविल ड्रेस में भी परीक्षा दिला सकेंगे ।
माध्यमिक शिक्षा मंडल से स्पष्ट किया है कि उनकी परीक्षा में शामिल होने के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य नहीं होता है बीते 2 सालों से छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में ही हो रही है मौजूदा सत्र में भी सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही स्कूल खोले गए थे ऐसे में कई छात्रों के पास यूनिफॉर्म नहीं है दसवीं कक्षा के बाद मनचाहे विषय के लिए छात्र स्कूल बदलते हैं इसके अलावा 12वीं कक्षा के बाद छात्र कॉलेज में प्रवेश लेते हैं तो उनके लिए भी शाला गणवेश की कोई उपयोगिता नहीं रह जाती है स्पष्ट है कि यदि किसी छात्र ने ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्कूल यूनिफार्म नहीं सिलवाया है तो सिर्फ परीक्षा में बैठने के लिए ही उन्हें कपड़े खरीदने की आवश्यकता नहीं है
होम बोर्ड में भी छूट
निजी स्कूलों द्वारा कक्षाओं के इतर होम बोर्ड परीक्षाओं में भी यूनिफॉर्म को लेकर छुट दी गई है बड़ी कक्षाओं में 20 फ़ीसदी छात्र सिविल ड्रेस में ही आ रहे हैं वही छोटी कक्षा में सीरियल ड्रेस में आने वाले छात्रों की संख्या 80% तक है यूनिफॉर्म में छूट को लेकर निजी स्कूल एसोसिएशन द्वारा छूट भी दी गई थी विवाद के बाद इस छूट को वापस ले लिया गया था हालांकि इसके बाद भी निजी स्कूल पालको की आर्थिक स्थिति को देखते हुए किसी तरह का दबाव छात्रों पर परिधान को लेकर नहीं बना रहे हैं
हेल्पलाइन नंबर
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर में भी यूनिफॉर्म को लेकर सवाल आ रहे हैं छात्र यह पूछ रहे हैं कि उनके पास स्कूल ड्रेस नहीं है यदि वे बगैर स्कूल में परीक्षा केंद्र पहुंचते हैं तो उन्हें परीक्षा दिलाने दिया जाएगा अथवा नहीं । हेल्पलाइन नंबर प्रारंभ किए जाने की दूसरे दिन माशिम को पलकों को तथा छात्रों के 212 फोन आए । इनमें से अधिकतर फोन कोरोना संबंधित गाइडलाइन अथवा परीक्षा के मोड को लेकर ही पूछे गए थे।














