रायपुर
केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् ने देश के केन्द्रीय कर्मचारियों के लंबित मंहगाई भत्ते के 03 किश्तों को जारी करने का निर्णय लेते हुए देश में बढ़ते मंहगाई के परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों के मूल्य सूचकांक के आधार पर क्रय शक्ति का समायोाजन करने हेतु कुल 11 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से केन्द्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता प्रतिमाह 17 प्रतिशत् से बढ़कर 28 प्रतिशत् हो जावेगा। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध ने छत्तीसगढ़ शासन से तत्काल प्रदेश के शाासकीय सेवकों के लंबित 04 किश्तों को तत्काल जारी करने की मांग की है।
संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि संध द्वारा मंहगाई भत्ता की मांग की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए 01 जुलाई 2021 समस्त जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल को संबोधित मांग पत्र कलेक्टरों के माध्यम से प्रेषित् किया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा 3 किश्तों के भुगतान पर रोक हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए उनके राज्यों में दौरे के दौरान विरोध करने का निर्णय जाकर, छत्तीसगढ़ राज्य में पूरे जुलाई माह में जिलों में मंत्री, सांसद, विधायकों के भ्रमण के दौरान स्मरण पत्र सौपने का निर्णय भी लिया गया था, वर्तमान में जिलों में स्मरण पत्र सौपने का सिलसिला जारी है। अब केन्द्र सरकार द्वारा 03 किश्त क्रमशः 01 जनवरी 2020, 01 जुलाई 2020 तथा 01 जनवरी 2021 को जारी करने का निर्णय ले लिया गया है। इससे केन्द्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता बढ़कर 17 से 28 प्रतिशत् हो गया है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों 01 जनवरी 2019 से मात्र 12 प्रतिशत मंहगाई भत्ता मिल रहा है। राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत् पीछे हो गए है। प्रदेश के कर्मचारी 01 जुलाई 2019 से 01 जनवरी 2021 तक विगत् दो वर्षो से मंहगाई भत्ता से वंचित है। इसके कारण प्रतिमाह के वेतन में 4-5 हजार रूपये आर्थिक क्षति हो रही है। जब राज्य में मंहगाई एक, बाजार एक, मूल्य एक फिर केन्द्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों में मंहगाई भत्ता भेंदभाव क्यों किया जाता है। राज्य सरकार से संध के प्रांताध्यक्ष विजय कुमार झा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, पीएचई.संयोजक विमल चन्द्र कुण्डू, सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, संजय झड़बड़े, डाॅ. अरूंधति परिहार, रामचंद्र ताण्डी, मनोहर लोचनम्, नरेश वाढ़ेर, सुंदर यादव, रविराज पिल्ले, राजू मुदलियार, कुंदन साहू एस.पी. यदु प्रकाश ठाकुर, सुनील शर्मा, दिनेश मिश्रा, प्रदीप उपाध्याय, विजय डागा, ए.जे.नायक, शेखर सिंह ठाकुर, कृष्णकांत मिश्रा, टार्जन गुप्ता, प्रवीण ढिढवंशी, आदि नेताओं ने तत्काल केन्द्रीय कर्मचारियों के समान 01 जुलाई 2019 से 01 जनवरी 2021 तक के लंबित 04 किश्तों के तत्काल धोषणा किए जाने की मांग मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल से की है। कर्मचारी नेताओं ने वित्त विभाग के अधिकारियों से अपेक्षा की है कि मंहगाई भत्ता देने से कितना वित्तीय भार बजट पर पड़ेगा इसकी गणना करने के बदले 01 जुलाई 2019 से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को कितनी राशि की आर्थिक क्षति हुई है, उसकी गणना कर कर्मचारीहित में सार्वजनिक किया जावे। यदि जुलाई माह में मंहगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया जाता है, तो अगस्त माह में आंदोलन कर और विस्तार करते हुए धरना, प्रदर्शन, भुख हड़ताल करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा।