लद्दाख
धोखेबाजी में माहिर चीन को लेकर भारत पूरी तरह से सतर्क है। इसलिए इस बार लद्दाख में चीन सीमा पर कोई कसर नहीं छाेड़ी जा रही है।भारतीय वायुसेना के विशेष बलों ने रविवार को चीन सीमा के नजदीक एक खास ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान दो खास हेलीकॉप्टरों चिनूक और अपाचे की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। करीब 13, 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे, न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर इंडियन एयरफोर्स ने इस खास मिशन को अंजाम दिया।
भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण
चीन की सीमा से महज 25 किलोमीटर दूर स्थित न्योमा लैंडिंग ग्राउंड का खास रणनीतिक महत्व है। इस मिशन के दौरान अपाचे हेलीकॉप्टर ने नीचे रहते हुए उड़ान का प्रदर्शन किया। वहीं चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर की क्षमताएं भी आंकी गईं। बता दें कि अपाचे हेलीकॉप्टर्स पिछले साल मई जून से लद्दाख एरिया में तैनात किए गए हैं। इस दौरान ग्रुप कैप्टन अजय राठी ने बताया कि न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से काफी करीब होने के चलते इसकी इंपॉर्टेंस काफी ज्यादा है।
बढ़ जाती है सैन्य बलों की क्षमता
ग्रुप कैप्टन अजय राठी के मुताबिक यह लैंडिंग ग्राउंड लेह हवाई क्षेत्र और एलएसी के बीच की दूरी को कम करता है। ऐसे में पूर्वी लद्दाख में सेना और सामान की आवाजाही में जल्दी होती है। वहीं न्योमा पर हवाई ऑपरेशन के इंफ्रास्ट्रक्चर की मौजूदगी से सैन्यबलों की क्षमता में इजाफा होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, इससे पूर्वी लद्दाख के लोगों के बीच कनेक्टिविटी में भी इजाफा होता है।