चिंतन शिविर में मांदर की थाप पर नाचते नजर आए सांसद, विधायक एवं पदाधिकारी…दो दिवसीय शिविर चिंतन को कुछ लोगो ने बनाया मजाक

राजनांदगांव । बसंत शर्मा

15 साल तक छत्तीसगढ़ में राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस ने करारा जवाब देते हुए चारों खाने चित करके महज 15 सीटों में ही सिमटा दिया था। जिसके चलते विपक्ष में बैठी भाजपा लगातार मुद्दे खोज रही है कि छत्तीसगढ़ में किस तरह से फिर से सत्ता हासिल की जाए और किन- किन मुद्दों को लेकर जनता के समक्ष पहुंचा जाए। इसे लेकर बस्तर संभाग में दो दिवसीय चिंतन शिविर रखा गया था। लेकिन चिंतन शिविर के आखिरी दिन मांदर की थाप पर भाजपा के सांसद विधायक एवं पदाधिकारी नाचते गाते नजर आए ऐसा लग रहा था कि उन्हें सत्ता हासिल हो गई है और जश्न की खुशी मनाई जा रही है।
भाजपा की गुटबाजी दिखी चिंतन शिविर में
भारतीय जनता पार्टी के चिंतन शिविर में कार्यकर्ताओं की कटौती की गई है। कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं, पूर्व सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को इस शिविर में बुलाया ही नहीं गया है। जिससे ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में खुलकर गुटबाजी हो रही है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं को नहीं बुलाने के प्रश्न को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने टालते नजर आए।
डॉ रमन सिंह के साधा कॉंग्रेस पर निशाना
तो दिवसीय चिंतन शिविर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विकास के कार्य अधूरे हैं ना बिजली मिल पा रही है और ना ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही है बस्तर में एजुकेशन हब तक पढ़ा हुआ है कांग्रेश ने एक भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना नहीं की है और जिस मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया जा रहा है वह भी कर्ज में डूबा हुआ है अपने परिवार और रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने के लिए इस मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया गया है वही डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास नहीं बन रहे हैं भाजपा के द्वारा कराए गए विकास कार्य और सड़कों के कार्य का मेंटेनेंस भी कांग्रेस सरकार नहीं कर पा रही है।
एक गुट नही चाहता रमन सिंह को

चिंतन शिविर में जिस तरह से बातें छनकर सामने आ रही है । उससे ऐसा लग रहा है कि भाजपा का एक गुट आज भी डॉ रमन सिंह को नहीं चाहता है और चिंतन शिविर में खुलकर यह तिकड़ी डॉ रमन सिंह का विरोध करते भी नजर आ रही थी। हालांकि यह सब बंद कमरे में हुआ है। लेकिन दीवारों के भी कान होते हैं, इसी कहावत को आज देखा भी गया है।