समस्तीपुर
लोजपा सुप्रीमो व जमुई के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि चाचा पशुपति पारस को अगर उनसे किसी तरह की शिकायत थी तो वे उनसे बात करते। अगर उनसे बात करने में किसी तरह की परेशानी थी तो मां से विचार विमर्श करते। लेकिन मंत्री बनने के लालच में उन्होंने जो कदम उठाया उससे राजनीति में उभर रहे परिवार के अन्य लोगों पर ग्रहण लग गया है।
आर्शीवाद यात्रा के क्रम में समस्तीपुर आगमन पर रात्रि विश्राम के बाद परिसदन में वे गुरुवार सुबह हिन्दुस्तान से विशेष बात कर रहे थे। इस दौरान परिवार के बिखराव पर उन्होंने दर्द भी बयां किया। उन्होंने कहा कि चाचा परिवार के मुखिया थे। लेकिन अपने अपने स्वार्थ में प्रिंस राज और कृष्ण राज के साथ-साथ अपने पुत्र के राजनीतिक भविष्य की चिंता नहीं की। जहां प्रिंस राज राजनीति में अभी अनुभवी नहीं हुए हैं और कृष्ण राज ने तो अभी राजनीति में कदम ही रखा है।
चिराग ने कहा कि चाचा और पार्टी के सांसदों ने सिर्फ अपनी महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिए पार्टी को धोखा दिया है। आने वाले दिनों में सभी को अपनी गलती का अहसास होगा। लोजपा सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने संघर्ष का जो रास्ता अपनाया है उससे उन्हें अपार जनसमर्थन मिल रहा है। जिससे उन्हें पार्टी को फिर से खड़ा करने में किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना होगा।