जिन जातकों का कभी,हो रहा न भाग्योदय,
जा के गुरुवर को वो ,वस्त्र दान कीजिये।
बुद्धि -हीन बालकों को,पढ़ने में दिक्कतें हो,
कर गीता – पाठ, गाय गुरुवर दीजिए।
दीन -हीन मानवों का,हो रहा न विवाह तो,
गुरु यंत्र रखकर , गुरु मंत्र लीजिये।
ज्ञान, मान, जान यदि,चाहिए बढोत्तरी तो,
धोकर चरण गुरु, पानी आज पीजिए ।।
माता- पिता पहचान, गुरु के बिना न ज्ञान,
इनको ही भगवान, आप मान लीजिए।
मान बिना ज्ञान नहीं,ज्ञान बिना ध्यान नहीं,
ध्यान बिना आपका न,अनुमान कीजिये।
ज्ञान, गुण,वाणी,बोल,गुरु के बिना अमोल,
बाहर – भीतर खोल, गुरु भान दीजिए।
धरना चरित्र यदि , गढ़ना भविष्य यदि,
बनना हो शिष्य यदि,पद- पानी पीजिए ।।
-:बल्लू-बल