ग्वालियर को मिली राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के कार्यालय की सौगात

ग्वालियर
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर-चंबल अंचल के किसानों के लिये बरदान साबित होगा। इसके जरिए बागवानी के लिए बड़ी आर्थिक मदद और प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे किसानों के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन आएगा और उनके लिए प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। यह बात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कही। श्री तोमर ने ग्वालियर में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी, प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। यहाँ ग्वालियर व्यापार मेले के सामने कृषि परिसर में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के इस क्षेत्रीय कार्यालय की स्थपना की गई है।  
उत्तरप्रदेश व महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों के बाद मध्यप्रदेश अब ऐसा राज्य बन गया है जहाँ राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के दो कार्यालय हो गए हैं। ग्वालियर से पहले प्रदेश की राजधानी भोपाल में बागवानी बोर्ड का कार्यालय संचालित था। प्रदेश सरकार की मांग पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने ग्वालियर चंबल अंचल के किसानों को यह सौगात दी है। उल्लेखनीय है कि जहां-जहां पर राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के कार्यालय हैं उस क्षेत्र के किसानों को बड़ा फायदा मिला है। इस कार्यालय के जरिए अनुदान व तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर किसानों ने बड़ी आमदनी अर्जित की है। ज्ञात हो बागवानी बोर्ड के कार्यालय के माध्यम से उद्यानिकी फसलों मसलन फल, सब्जी, कोल्ड स्टोरेज चैन, ग्रीन हाउस, नेट हाउस व मलचिंग खेती के लिए करोड़ों रुपए का अनुदान दिया जाता है।
किसानों को हर्बल व फलों जैसी नगदी खेती अपनानी होगी
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि परंपरागत फसलों से किसानों की आमदनी ज्यादा नहीं बढ़ सकती। आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को हर्बल व फलों जैसी नगदी खेती अपनानी होगी। उन्होंने कहा ग्वालियर एवं चंबल अंचल के किसानों की समृद्धि के लिए इस क्षेत्र को भारत सरकार द्वारा बड़ी-बड़ी सौगातें दी गई हैं, जिसमें भारत और इजराइल के सहयोग से नूराबाद में निमार्णाधीन एक्सीलेंस सेंटर, ग्वालियर में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय, मुरैना को शहद का हब बनाने के लिये अत्याधुनिक लैब और ग्वालियर में आलू के वृहद उत्पादन के लिए प्रस्तावित टिश्यू कल्चर लैब शामिल है।