भोपाल
गर्मियों में मौसम में अगर राजधानी में पानी की किल्लत हर साल की तरह इस साल भी बढ़ती जा रही है। खास खबर तो यह है कि वाटर सप्लाई के मैनेजमेंट को दुरूस्त करने के लिए शहर में जो ओवर हैड पानी की टंकियां बनाई गयी थी उनके लीकेज में ही लाखों रुपए फंूक दिए गए हैं। उसके बाद भी जब समस्या नहीं सुलझी तो उनको पूरा भरना ही बंद कर दिया गया है। हकीकत तो यह है कि पानी की टंकियों के लीकेज ठीक करने में निगम लाखों बहा रहा है। छह महीने में चार प्रमुख इलाकों की टंकियों में लीकेज हो गया।
दो महीने पहले राजेंद्र नगर की पानी टंकी का लीकेज ठीक कराया गया था। उसमें से फिर पानी बहने लगा। इसी तरह से इमामीगेट के पास वहीदिया की टंकी को लाखों रुपए खर्च करके बना तो दिया लेकिन उसको भरा ही नहीं जा रहा है। जब टंकी नहीं भरेगी तो एरिया में पानी की सप्लाई कैसे होगी। इसी तरह से दशहरा मैदान के पास की टंकी की पाइप लाइन में लीकेज हो गया था। उसको एक दिन की मशक्कत के बाद ठीक किया पर बाद में वह फिर से हो गया।
इस समय शहर में गर्मी बढ़ने के साथ ही जगह जगह पर पानी की सप्लाई बढ़ी है। लेकिन निगम ने मांग के अनुसार पानी की सप्लाई बढ़ाने की बजाय और कम कर दिया है। हकीकत तो यह है कि शहर के 85 वार्डों में से अधिकतर में एक दिन छोड़ कर पानी की सप्लाई की जा रही है वह भी 15 मिनट से लेकर 30 मिनट तक। इनमें से ज्यादातर वार्ड पुराने शहर के हैं। यहां पर आने वाला पानी कहां जाता है इसकी जांच न तो किसी प्रभारी इंजीनियर ने की न ही अधिकारी ने।