खौफ, दुविधा और अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं डीयू में पढ़ रहे अफगानी छात्र

नई दिल्ली
अफगानिस्तान के बिगड़े हालात के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहे अफगानी छात्रों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। उनको अपने परिजन, रिश्तेदार और तबाह हो रहे व्यापार की चिंता है। गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कांफ्रेंस सेंटर में कई अफगानी छात्र अपने सामान के साथ पहुंचे थे। डीयू में स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र एहसान बताते हैं कि तालिबान के बढ़ते प्रभाव और अफगानिस्तान में उनकी सशस्त्र मौजूदगी के कारण हमारे परिवार के लोग खौफ में जी रहे हैं हमें उनसे संपर्क में हैं लेकिन हमें उनकी काफी चिंता है। वहां की घटनाएं हमें मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं। हमें पता चला है कि तालिबानी घर-घर की तलाशी ले रहे हैं। भविष्य में क्या होगा, ये कहना बहुत मुश्किल है। एहसान की जो चिंता है वह यहां पर आए अधिकांश अफगानी छात्रों की चिंता है। कांफ्रेंस सेंटर आए छात्र अब्दुल हसन बताते हैं कि आज कई छात्र आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। अफगानिस्तान में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। वहां का बैंकिंग सिस्टम भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है। ऐसे में घर वाले परेशान हैं हमें पैसा भी नहीं भेज पा रहे हैं। बहुत से छात्रों को इस महीने से कमरे का किराया और अन्य खर्चों के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी। एक अन्य अफगानी छात्र ने बताया कि हमारा परिवार भी भारत आने वाला था उनका वीजा बन गया था लेकिन इसी बीच यह अस्थिरता आ गई है। इसलिए मुझे उनकी काफी चिंता है। ऐसे कई और लोग हैं जो वहां से आना चाहते हैं लेकिन नहीं आ पा रहे हैं।

आर्थिक दिक्कत बढ़ रही है
अफगानिस्तान के डीयू में पढ़ने वाले एक छात्र अब्दुल बताते हैं कि अब आर्थिक दिक्कतें बढ़ रही हैं। अफगानिस्तान में जुलाई का वेतन कई लोगों को नहीं मिला है। कई लोगों ने अपना घर किराए पर दिया था लेकिन उसका किराया नहीं मिल रहा है। हमारा व्यापार भी तबाह हो गया है।

हमारे लिए रोजगार हो तो मुश्किल आसान हो जाएगी
छात्र मोहम्मद डार बताते हैं कि परिवार के लोग अभी सुरक्षित हैं लेकिन वह कब तक सुरक्षित हैं यह हम नहीं बता सकते हैं। क्योंकि सिविल सोसाइटी के लोग व अन्य लोग पकड़े गए हैं। सवाल यह भी है कि यदि हमारी पढ़ाई पूरी हो जाती है और अफगानिस्तान के हालात ठीक नहीं होते हैं हम कहां जाएंगे। हमारे लिए वित्तीय निश्चिता जरूरी है। भारत सरकार हमें वीजा, रोजगार आदि दे तो हमारी मुश्किल आसान हो जाएगी।

डीयू कुलपति ने अफगानी छात्रों से की मुलाकात
डीयू के कार्यवाहक कुलपति सहित डीयू के अन्य अधिकारियों ने अफगानिस्तान के छात्रों से मुलाकात की। डीयू के कार्यवाहक कुलपति ने कहा कि कुछ छात्रों को वीजा, कुछ को वित्तीय दिक्कत, फीस आदि की समस्या थी। हमने उनकी बातें सुनी हैं और हर छात्र की क्या समस्याएं हैं उनको हम देखेंगे कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं। वहीं डीयू में विदेशी छात्रों के सलाहकार अमरजीव लोचन ने बताया कि वर्तमान में जो अफगानी छात्र हैं उनकी हर संभव मदद की जा रही है। जिनका वीजा समाप्त हुआ है उनका वीजा 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।