खेत में पेड़ के नीचे हो रहा मरीजों का इलाज, MP में स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल

भोपाल
मध्य प्रदेश भी कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिसमें आम लोग ही नहीं बल्कि पुलिस अधिकारी भी अपने घरवालों को बेड नहीं उपलब्ध करा पाए और मौत हो गई। ऐसी तस्वीरें सामने आई है जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था लाचार हालत को सबके सामने खोलकर रख दिया है। एक जगह लोग खुले में पेड़ के नीचे इलाज कराते नजर आ रहे हैं। 

एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है जिसमें अशोक नगर जिले में एक पुलिस महिला सब-इंस्पेक्टर अपने पति की मौत के बाद अस्पताल के फर्श पर रोती नजर आ रही है। महिला इंस्पेक्टर के पति, जो खुद राजस्व विभाग में थे, की हालत बेहद खराब हो गई थी और उन्हें वेंटीलेटर की जरूरत थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह अपने पति को वेंटीलेटर के लिए रोती रही लेकिन किसी ने नहीं सुना। महिला इंस्पेक्टर के पति का ऑक्सीजन लेवल काफी कम था और खांसी आ रही थी। जब उनके पति को अस्पताल लाया गया तब उनका ऑक्सीजन स्तर 50 प्रतिशत से नीचे था लेकिन उन्हें बेड नहीं मिला और उनकी मौत हो गई।

बाद में पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव का अंतिम संस्कार कराया गया। पेड़ के नीचे इलाज दूसरी घटना मध्य प्रदेश के ही आगर-मालवा के धनियाखेड़ा की है जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के संदेह में बहुत सारे लोगों का खेत में पेड़ के नीचे इलाज किया जा रहा है। घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ दिख रहा है कि मरीजों को खेत में पेड़ के नीचे लिटा दिया गया है। मरीजों के लिए कोई इंतजाम नहीं है यहां तक कि उन्हें जमीन पर ही चादर बिछाकर लिटा दिया गया है। इनमें से कई सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें ड्रिप के जरिए दवा दी जा रही है। मध्य प्रदेश में 25 अप्रैल से 4 मई तक कोविद के 1.25 लाख से अधिक नए मामलों का पता चला है। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 89,000 के पास है। विशेषज्ञों का कहना है कि सकारात्मकता दर लगभग 18% है, जो डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के अनुसार खतरनाक है, लेकिन राहत की बात यह है कि इसमें पिछले कुछ दिनों में 5% की कमी आई है।