नई दिल्ली
कोरोना की दूसरी लहर बेलगाम हो रही है। रोजाना सामने आ रहे नए मामलों से मेडिकल व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मौसम परिवर्तन होने और बारिश की वजह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार रुकेगी। लोग बिना सोच ऐसे मैसेज पर विश्वास करते हुए उसे एक से दूसरे तक फॉरवर्ड कर देते हैं। ऐसे में वायरस मैसेज की सच्चाई का पीआईबी फैक्ट चेक ने पता लगाया है।
बारिश होने से और मौसम में परिवर्तन आने से कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो जाएगी। ऐसा मैसेज इन दिनों वायरल हो रहा है। जिसको पीआईबी फैक्ट चेक पूरी तरह से फेक बताया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने वायरस मैसेज को लेकर ट्वीट किया है। जिसमें कहा गया है कि कोरोना की रफ्तार को केवल कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने से कम की जा सकती है। यानी कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन है एक मात्र उपाय है। जैसे ठीक से मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना या सैनिटाइज करना और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना से ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार को थामा जा सकता है।
केंद्र ने 18-44 वर्ष के लोगों के लिए मिले टीकों को अन्य उम्र को लोगों को देने की नहीं दी सलाह दरअसल होली के बाद से ही पूरे देश में अचानक कोरोना के मामलों में उछाल देने को मिला है। इसके बाद कई राज्यों ने लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां अपनाकर संक्रमण को रोकने का कदम उठाया, जिसके बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस बीच देश के कई हिस्सों में मौसम में बदलाव और बारिश देखने को मिली, जिसके बाद लोग बिना तथ्य के अंदाजा लगाना बारिश के कारण कोरोना वायरस के मामले के कम होने का मैसेज एक दूसरे को भेज रहे हैं। जो पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है।















