हमने कई बार सुना है कि माइक्रोवेव (Microwave) में खाना पकाने या गर्म करने से कैंसर हो सकता है। लेकिन क्या यह वाकई सच है? क्या माइक्रोवेव में खाना बनाना सुरक्षित नहीं है? सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा (Celebrity nutritionist Pooja Makhija) ने अपने हालिया इंस्टाग्राम पर माइक्रोवेव में खाने गर्म करने को लेकर एक लंबा पोस्ट साझा किया है। इस पोस्ट में उन्होंने माइक्रोवेव में इस बारे में पूरी विस्तार से जानकारी दी है। तो आइए एक्सपर्ट से जानते हैं माइक्रोवेव में खाना बनाना आपके लिए कितना सुरक्षित है?
माइक्रोवव के बारे में गलत है धारणा
दीपिका पादुकोण की न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया है। इसमें वे बता रही हैं कि तमाम तरह के रेडिशन्स होते हैं जिनमें एनर्जी के कई लेवल्स होते हैं। उदाहरण के लिए, एक्स-रे में बहुत अधिक ऊर्जा होती है, जो संभावित रूप से डीएनए (DNA) को तोड़ सकती है।
इसे आयनकारी विकिरण (ionising radiation) कहा जाता है और ये एक वक्त पर कैंसर के जोखिम का फैक्टर बन सकता है। लेकिन माइक्रोवेव को लेकर लोगों में गलत धारणा है। पोषण विशेषज्ञ मानती हैं कि माइक्रोवेव में खाना पकाना एक दम सुरक्षित है।
फूड को रेडियोएक्टिव नहीं बनाता माइक्रोवेव
वीडियो में आगे पूजा कहती हैं कि माइक्रोवेव ओवन भोजन को गर्म करने के लिए माइक्रोवेव विकिरण (microwave radiation) का उपयोग करता है, लेकिन यह इसमें पकाए गए भोजन को कहीं से भी रेडियोधर्मी (radioactive) नहीं बनाता है। माइक्रोवेव भोजन को गर्म करता है जिससे पानी के अणु (water molecules) बाइब्रेट यानी कंपन करते हैं, जिससे हीट उत्पन्न होती है और हमारा भोजन गर्म हो जाता है।
माइक्रोवेव में खाना पकाने के फायदे
पूजा मखीजा का दावा है कि माइक्रोवेव में भोजन पकाने या गर्म करने से कोई भी प्रोटॉन या इलेक्ट्रॉन ब्रेक नहीं होता है जो कि डीएनए डैमेज होने का खतरे का कारण होता है। चूंकि यह कम से कम खाना पकाने के समय (shortest cooking time) का उपयोग करता है, इसलिए ये फूड के अधिकतम पोषक तत्वों को बरकरार रखता है।
टिप्स
माइक्रोवेव में कांच के बर्तनों का प्रयोग करें
जब भी कुछ पकाते हैं तो भोजन को बीच-बीच में हिलाते रहें ताकि चारों ओर हीट का वितरण समान हो जाए।
ओवन में सिर्फ ओवल या राउंड शेप वाले बर्तनों का ही इस्तेमाल करें। ऐसे बर्तनों में खाना जल्दी बनता है।