देश में बिजली बनाने का काम मुख्यतः कोयला आधारित है तथा कोरोना महामारी के प्रसार के बावजूद कोयलांचलों
में कामगार निरंतर कोयला उत्पादन, डिस्पैच एवं संबंधित गतिविधियों में लगे हुए हैं। एसईसीएल अपने 50 हजार से
अधिक के कार्यबल के कोरोना संक्रमण से बचाव तथा अपने संचालन क्षेत्रों में इसके प्रसार एवं प्रभाव को कम करने के
उद्धेश्य से कई कदम उठा रहा है।
इस संबंध में मुख्यालय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार, मुख्यालय समेत कम्पनी के विभिन्न संचालन क्षेत्रों में लगभग
2 लाख फेस मास्क वितरित किए गए हैं वहीं उपयोग के लिए 12 हजार लीटर से अधिक सेनेटाईजर भी वितरित किए
गए हैं। कम्पनी के विभिन्न संचालन क्षेत्रों में कुल 16 स्थानों पर कोविड केयर की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं जो
संचालन क्षेत्रों के कोरबा, रायगढ़, सूरजपुर, कोरिया, अनूपपुर, शहडोल आदि ज़िलों में अवस्थित हैं। इनमें एल -1
श्रेणी के हल्के लक्षण या आइलोशन वाले मरीज़ों के लिए कोविड सेंटर से लेकर मोडरेट प्रकृति के, समर्पित कोविड
हेल्थकेयर सेंटर शामिल है। मरीज़ों के लिए लगभग 540 आइसोलेशन बेड कोविड बेड तैयार किए गए हैं जिनमें
224 ऑक्सिजन की सुविधा युक्त बेड हैं। विभिन्न क्षेत्रों में फैले अस्पतालों में आवश्यकतानुसार आक्सीजन सिलेण्डर
की भी व्यवस्था की गई है तथा इनकी कुल संख्या 500 से अधिक है । इनकी रिफ़िलिंग आदि के लिए सुविधा उपलब्ध
है। इन अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए लगभग 5300 पीपीई किट, 7 हजार से अधिक एन-95 मास्क, लगभग
150 थर्मल स्केनर, आदि की व्यवस्था की गयी है। गंभीर प्रकृति के मरीज एसईसीएल के इम्पेनल्ड हास्पिटलों में रिफर
किए जाते हैं वहीं कोलइण्डिया लिमिटेड द्वारा हाल ही में जारी आदेश अनुसार आकस्मिक स्थिति में ऐसे कोरोना
संक्रमित मरीज किसी भी हास्पिटल में अपना ईलाज करा सकते हैं जिसकी प्रतिपूर्ति लागू दर पर कोलइण्डिया
लिमिटेड एवं उसकी अनुषंगी कम्पनियाँ करेगी। आकस्मिक चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का यह आदेश मार्च 2020 से
प्रभावी कर दिया गया है।
टीकाकरण पर विशेष जोर: एसईसीएल के 45 वर्ष से अधिक के लगभग 20 हजार अधिकारी एवं कर्मचारियों का
टीकाकरण किया जा चुका है। कम्पनी ने इस हेतु चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से लगभग 21 स्थानों पर
वैक्सीनेशन सेन्टर बनाया है। ठेका कामगारों तथा कर्मियों के परिजनों को सम्मिलित कर टीकाकरण की संख्या लगभग
34 हजार पहुँच चुकी है।
कार्यस्थल पर कोरोना से बचाव हेतु इंतजाम: खनन क्षेत्रों में प्रयुक्त एचईएमएम मशीनों का सेनेटाईजेशन, कालोनी
एवं आसपास के क्षेत्रों में फागिंग का कार्य, कार्यस्थल पर बिना मास्क का प्रवेश वर्जित किया जाना, सोशल डिस्टेसिंग
का पालन आदि के जरिये कार्यस्थल पर कोरोना से बचाव हेतु समुचित प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मचारियों एवं उनके
परिजनों तथा ठेका कामगारों के मध्य कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए बैनर-पोस्टर, सोशल मीडिया आदि के
जरिए प्रयास किया जा रहा है।