भोपाल
कोरोना के भीषण संक्रमण और कोरोना कर्फ्यू के कारण बंद सड़कों पर आवाजाही बंद होने के कारण अब ब्लड बैंकों में रक्त की कमी होती जा रही है। कोरोना के कारण स्वैच्छिक रक्तदान दान शिविर लगभग बंद हैं। हमीदिया अस्पताल के ब्लड बैंक में सिर्फ 40 यूनिट ब्लड (पैक आरबीसी) बचा है, जबकि यहां हमेशा 150 यूनिट ब्लड उपलब्ध रहता है।
रेडक्रॉस ब्लड में भी सिर्फ 27 यूनिट रक्त की मौजूद है। यही स्थिति शहर के अन्य ब्लड बैंकों की भी है, यहां भी मरीजों को रक्त के लिए परेशान होना पड़ रहा है। भोपाल के आसपास लगभग 800 थेलेसिमिया पीड़ित बच्चे है जिनको हर 15 से 20 दिन में रक्त की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाओं और एक्सीडेंट केस एंव डायलोसिस एंव अन्य केस में भी ब्लड लगता है।
ऐसे में लगभग 3000 से 4000 यूनिट ब्लड की आवश्यकता हर माह भोपाल की ब्लड बैंकों को होती है। इनके अलावा गर्भवती महिलाओं, हादसों में घायलों के लिए रक्त का संकट आ सकता है।
जेपी अस्पताल में रक्तदान कैंप ना लगने से ब्लड बैंक में सिर्फ 30 यूनिट ही रक्त बचा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के डर के चलते रक्तदान नहीं कराया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ही रक्तदान की व्यवस्था है। अधिकारियों के मुताबिक अभी तो जरूरत कम है, लेकिन मांग बढऩे पर मुश्किल होगी।