त्रिवेंद्रम
केरल में जीका वायरस की लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। केरल में पहला जीका वायरस केस सामने आने के एक दिन बाद, तिरुवनंतपुरम में 14 और नए मामले सामने आए हैं। परसाला की 24 वर्षीय गर्भवती महिला में पहली मरीज है जो जीका वायरस से संक्रमित मिली थी। अब बड़े स्तर पर स्वास्थ्य कर्मी इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे गए इन मरीजों के नमूने पॉजिटिव आए हैं। सभी मरीजों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। गुरुवार को वायरस के मामले का पता चलने के बाद, वेक्टर नियंत्रण, राज्य कीट विज्ञान और रोग निगरानी इकाइयों के कर्मियों ने परसाला में उस क्षेत्र का दौरा किया था जहां 24 वर्षीय महिला रहती थी। बताया जा रहा है कि, महिला का कोई यात्रा इतिहास नहीं है, उसका घर केरल-तमिलनाडु सीमा से दूर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग और जिला अधिकारियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए एडीज प्रजाति के मच्छरों के नमूने एकत्र करवाने का काम शुरू कर दिया है। सभी जिलों को इस बारे में सतर्क कर एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है।
बता दें कि, तिरुवनंतपुरम जिले की रहने वाली महिला ने 7 जुलाई को अपने बच्चे को जन्म दिया था। जिसमें जीका वायरस की पुष्टि की गई है। उनका कहना है कि महिला को 28 जून को बुखार, सिरदर्द और शरीर पर लाल निशान की शिकायत सामने आने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में भी जाकर फैल सकता है और शिशुओं को माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात बीमारियों के साथ पैदा कर सकता है। जीका वायरस की वजह से समय से पहले जन्म और गर्भपात जैसी स्थिति भी हो सकती है। इसके अलावा जीका वायरस की वजह से गर्भावस्था की अन्य जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
जीका वायरस के लक्षण जीका वायरस के लक्षण है, हल्का बुखार, त्वचा पर लाल निशान और दाग, रैशेज, आंख आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द,अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल हैं। जीका वायरस बीमारी की इन्क्यूबेशन टाइमिंग है, 3-14 दिन। जीका वायरस के लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, जीका वायरस संक्रमण वाले अधिकांश लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं।