मुरैना
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पोरसा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत भदावली के भूपकापुरा में पहुंचकर बाढ़ प्रभावित ग्रामीणजनों से रूबरू हुये। उन्होंने ग्रामीणजनों को आश्वस्त किया कि मैं ग्रामीणों की आंखों में आंसू नहीं देखना चाहता हूं। भले ही बाढ़ के कारण फसल, मकान एवं घर-गृहस्थी के सामान की क्षति हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति केन्द्र व राज्य सरकार पूरी करेगी। नरेन्द्र सिंह तोमर शुक्रवार को देर रात्रि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ग्राम भूप का पुरा में पहुंचे। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक कमलेश जाटव, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता, कलेक्टर बी.कार्तिकेयन, पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोशन कुमार सिंह, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने ग्रामीणजनों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को समस्या के त्वरित समाधान करने के निर्देश दिये। मंत्री तोमर ने कहा कि चंबल में जलस्तर बढ़ने की समस्या हर साल की है। इससे निजात पाने के लिये ग्रामीण अगर सहमति देते है तो भूप का पुरा से ऊपर निकलकर शासकीय सर्वे में से प्लॉट काटकर व्यक्ति वार आवंटित किये जायें। इसके लिये ग्राम पंचायत का पंचनामा ठहराव प्रस्ताव पहले तैयार करना होगा। उन्हांंने कहा कि रही बात मकान क्षति की, इसके लिये मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के लिये सवा लाख रूपये आवास के लिये निर्णय लिया है। इसके लिये केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर इस दायित्व को भी पूरा करेंगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणजन हिम्मत न हारें, जो भी फसलें नष्ट हुई है, जिसका बीमा हुआ होगा तो उसके क्लेम्प दिलाया जायेगा, अगर बीमा नहीं हुआ होगा तो भी केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अलावा जो भी मदद अधिक से अधिक बनेगी, उसे दिलाया जायेगा। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर गांव के समीप पुलिया निर्माण के लिये पीडब्ल्यूडी विभाग को मौके पर ही कार्य को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्हांने कहा कि पुलिया 50 मीटर लंबी है, पुलिया निर्माण होने से आवागमन सुलभ हो जायेगा। उन्होंने श्रीमती मोना और सावित्री को सूखा राशन का पैकेट प्रदान किया।
भ्रमण के समय क्षेत्रीय विधायक कमलेश जाटव ने केन्द्रीय मंत्री को विगत 4 दिनों से शासन द्वारा उपलब्ध करायी जा रही मदद के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शासन एवं जनप्रतिनिधि रेस्क्यू के माध्यम से ग्रामीणों को बाहर निकाल लिया है। पशु भी बाहर निकाल लिये गये है, चारे की समस्या चिंतनीय बनी हुई है। कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने बताया कि चंबल-क्वारी नदी में बाढ़ आने से जिले के 74 गांव प्रभावित हुये है, जिसमें 31 स्थानों पर राहत शिविर चल रहे है।