कर्नाटक के मैसूरू पैलेस ग्राउंड में 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने संबोधन में Yoga for humanity पर जोर दिया

आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, मैसुरु के मैसूर पैलेस ग्राउंड पर प्रधानमंत्री विराट योग प्रदर्शन में सम्मिलित हुये; मैसूर में प्रधानमंत्री के योग कार्यक्रम के साथ-साथ, देशभर के 75 प्रमुख स्थलों पर विराट योग प्रदर्शन

मैसूरू | प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हजारों लोगों के साथ मैसूर पैलेस ग्राउंड में विराट योग प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इस अवसर पर अन्य तमाम लोगों सहित कर्नाटक के राज्यपाल  थावर चंद गहलोत, मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल भी उपस्थित थे।

राज्य के गवर्नर श्रीमान थावरचंद गहलोत , मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई , यदुवीर कृष्णा दाता चामराजा वाडीयार , राजमाता प्रमोदा देवी, मंत्री सर्बानंद सोनोवाल , देश और विश्व भर के सभी लोगों को आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैसुरु जैसे आध्यात्मिक केंद्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वह योग-ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है और योग मानव मात्र को निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि योग घरों की चहारदीवारी से बाहर निकलकर पूरे विश्व में फैल गया है; और यह आध्यात्मिक बोध, प्राकृतिक और साझा मानव चेतना का प्रतीक बन गया है, खासतौर से अभूतपूर्व महामारी के पिछले दो वर्षों के दौरान। उन्होंने कहा, “योग अब वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिये नहीं, संपूर्ण मानवता के लिये है। इसलिये, इस बार योग दिवस की विषयवस्तु है – मानवता के लिये योग।” प्रधानमंत्री ने इस विषयवस्तु को विश्वस्तर पर अपनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र और सभी देशों को धन्यवाद दिया।

मनीषियों का उद्धरण देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, “योग हमें शांति देता है। योग से प्राप्त शांति किसी व्यक्ति मात्र के लिये नहीं है। योग हमारे समाज में शांति लाता है। योग हमारे राष्ट्रों और विश्व में शांति लाता है। और, योग हमारे ब्रह्माण्ड में शांति लाता है।” उन्होंने आगे कहा, “यह पूरा ब्रह्माण्ड हमारे अपने शरीर और आत्मा से आरंभ होता है। ब्रह्माण्ड हमसे आरंभ होता है। और, योग हमें भीतर से चेतन करता है और जागरूकता की भावना पैदा करता है।”

हम सुबह से देख रहे हैं कि योग की जो तस्वीरें कुछ वर्ष पहले केवल घरों में, आध्यात्मिक केन्द्रों में दिखती थीं, वो आज विश्व के कोने-कोने से आ रही हैं। ये तस्वीरें आत्मिक बोध के विस्तार की तस्वीरें हैं। ये तस्वीरें एक सहज, स्वाभाविक और सांझी मानवीय चेतना की तस्वीरें हैं। खास तौर पर तब, जब दुनिया ने बीते दो सालों में सदी की इतनी बड़ी महामारी का सामना किया हो! इन परिस्थितियों में देश, द्वीप, महाद्वीप की सीमाओं से ऊपर, योग दिवस का ये उत्साह, ये हमारी जीवटता का भी प्रमाण है।

योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है। इसीलिए, इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है-Yoga for humanity! मैं इस थीम के जरिए योग के इस संदेश को पूरी मानवता तक पहुंचाने के लिए यूनाइटेड नेशन्स का और सभी देशों का हृदय से धन्यवाद करता हूं। मैं दुनिया के सभी नागरिकों का भी सभी भारतीयों की तरफ से अभिनंदन करता हूं।