कंपनी ने मांगी मंजूरी: फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन में पड़ेगी तीसरे डोज की जरूरत

 नई दिल्ली 
'कॉमिरनेटी' ब्रांड नाम से बिकने वाली फाइजर-बायोएनटेक की कोविड -19 वैक्सीन को कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) के खिलाफ अधिक प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तीसरी खुराक की जरूरत हो सकती है। दरअसल, इस तीसरे कोविड -19 शॉट से कोरोना के उस बीटा वैरिएंट के खिलाफ बेहतर सुरक्षा की भी उम्मीद है, जिसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। इसके अलावा ये भारत में पाए गए डेल्टा वैरिएंट पर भी असरदार है।
 
फाइजर और बायोएनटेक ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने कोविड -19 वैक्सीन की तीसरी खुराक के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल की मांग की है। घोषणा के अनुसार तीसरी खुराक एंटीबॉडी के स्तर को कोरोना के वेरिएंट्स के मुकाबले पांच से 10 गुना अधिक बढ़ा सकती है। यह वास्तव में, दो शॉट्स को प्रशासित करने के मौजूदा अभ्यास से बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा।

डेल्टा वैरिएंट पर कारगर नहीं दो डोज
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से बचाव में फाइजर या एस्ट्रेजेनिका के वैक्सीन कम प्रभावी है। एक अध्ययन में कहा गया है कि जिन्हें पहले कोरोना वायरस नहीं हुआ है और अगर वो कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होते हैं तो ऐसे लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बनाने में यह वैक्सीन ज्यादा कारगर नहीं है। 'Journal Nature' में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रभावकारी संक्रमण साबित हुआ है।