उत्तराखंड विधानसभा सत्र: देवस्थानम बोर्ड और भू कानून पर कांग्रेस दिखाएगी 10 का दम 

देहरादून
उत्तराखंड में विधानसभा का सत्र 23 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। चुनावी साल में यह अंतिम सत्र माना जा रहा है। इसके बाद सरकार और विपक्ष अपने-अपने कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएगी। ऐसे में मानसून सत्र को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने अपने मुद्दों को लेकर रणनीति तैयार कर ली है। सत्ताधारी बीजेपी जहां विकास कार्यों के लिए जरुरी बजट और जरूरी विधेयकों को सदन में रखने की प्लानिंग में जुटी है। वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस चुनावी साल में देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लाकर अपने 10 विधायकों के दम पर बीजेपी के सामने मुश्किलें खड़ी करने वाली है। 

पहली बार आमने सामने होंगे धामी नेता सदन और प्रीतम नेता विपक्ष उत्तराखंड विधानसभा सत्र का मानसून सत्र 23 अगस्त से 27 अगस्त तक चलेगा। इस बार सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की तस्वीर भी बदली हुई नजर आएगी। पहली बार सीएम पुष्कर सिंह धामी नेता सदन और प्रीतम सिंह नेता विपक्ष की भूमिका में होंगे। बीजेपी के सदन में 56 विधायक जबकि कांग्रेस के 10 ​ही विधायक सत्र में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस के पास विधायकों का ​गणित भले ही ​कम हो लेकिन ​कांग्रेस की प्लानिंग सदन से लेकर सड़क तक सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने की रहेगी। कांग्रेस के लिए इस बार देवस्थानम बोर्ड सबसे बडा मुद्दा रहेगा। बीजेपी की सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक हाईपॉवर कमेटी बनाने की बात कही है, जिसको लेकर चार धामों के पुरोहित सरकार का​ जमकर विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे को कांग्रेस पहले ही अपने पक्ष में रखते हुए अपनी सरकार आने पर देवस्थानम बोर्ड को रद करने का वादा जनता से कर चुकी है।

 दजर्न भर सीटों पर है बोर्ड का असर बीजेपी चुनावी साल में तीर्थ पुरोहितों को किसी तरह से नाराज नहीं करना चाहती है ऐसे में इस मुद्दे को चुनाव तक ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। चारों धाम के पुरोहितों का दर्जन भर विधानसभा सीटों पर असर है। ऐसे में ​बीजेपी के लिए चुनावी साल में इस मसले को सुलझाना जरूरी है। मामला गर्माया तो कांग्रेस इस मुद्दे को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है। बीजेपी की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने चारोंधामों के लिए देवस्थानम बोर्ड बनाया है। जिसका पहले ही दिन से स्थानीय लोग और पुरोहित विरोध कर रहे हैं। प्राइवेट मेंबर बिल से बढ़ेगी सरकार की मुश्किलें कांग्रेस विधानसभा सत्र के दौरान भू-कानून को लेकर भी सरकार को घेरने जा रही है। प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव से पहले भू-कानून का मुद्दा गर्माया हुआ है। भूमि खरीद के लिए कानून में किए गए बंदोबस्त को​ विपक्ष पहले ही राज्यवासियों के हितों पर चोट करार दे चुकी है।