उत्तराखंड के हरिद्वार में होगा कोरोना में दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन 

देहरादून
देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। इस दौरान कई दवाओं की किल्लत भी देखी जा रही है। कोरोना मरीजों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी कमी हाल के दिनों में देखी गई है। ऐसे में इस इंजेक्शन की किल्लत को दूर करने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार में भी इसका उत्पादन होगा। एक्मस फार्मा कंपनी इस इंजेक्शन को बनाएगी। कोरोना संकट में हरिद्वार सिकुडल की फार्मा कंपनियां देशभर में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति कर रही हैं। एक्मस फार्मा कंपनी इसमें सबसे आगे है। कोविड की दवाओं में शामिल फेबिफ्लू और आईवरमेक्टिन का रिकॉर्ड उत्पादन करने के बाद कंपनी रेमडेसिविर का उत्पादन करने जा रही है। इसके लिए औषधि विभाग केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त टीम ने निरीक्षण भी कर लिया है। जल्द ही एक्मस रेमडेसिविर उत्पादन करने वाले देश की पांचवीं कंपनी हो जाएगी।

 वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में दुनियाभर की फार्मा कंपनियां कोरोना के इलाज के लिए कारगर दवाइयां बनाने में जुटी हैं। बीमारी से बचाव के लिए भले ही स्वदेशी टीका बनने के बाद लोगों को लगना शुरू हो गया है, लेकिन कोई कारगर दवा नहीं बनी है। आईसीएमआर के प्रोटोकाल में मरीजों को पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक, विटामिन सी, एंटी वायरल और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाली जैसी दवाएं दी जा रही हैं। इन दवाओं की अचानक मांग बढ़ने पर बाजार में कालाबाजारी होने लगी है। बाजार की खपत पूरी करने के लिए देशभर की फार्मा कंपनियों को इनके उत्पादन की अनुुमति दी गई है। औषधि निरीक्षक अनिता भारती के मुताबिक हरिद्वार सिडकुल में 50 फार्मा कंपनियां हैं और एक्मस सबसे बड़ी कंपनी है। 

एक्मस कंपनी के एमडी संदीप जैन के मुताबिक आपदा की घड़ी में कंपनी बाजार की हर डिमांड पूरी करने को तैयार है। फेबिफ्लू और आईवरमेक्टिन टैबलेट की देशभर में आपूर्ति हो रही है। डीजीएम डीके शर्मा के मुताबिक कंपनी रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन करने जा रही है। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से अनुमति मिल गई है। संयुक्त टीम कंपनी का निरीक्षण कर चुकी है। जल्द ही उत्पादन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। रेमडेसिविर बनाने वाली एमक्स देश की पांचवी कंपनी बन जाएगी। डीजीएम डीके शर्मा के मुताबिक इंजेक्शन उत्पादन के लिए राजस्थान और गुजरात से कच्चा माल आएगा।