भोपाल
जहां प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ने अपराधियों (दोषी व मुजरिम) को अपने कॉलेजों में प्रवेश देने के दरवाजे बंद कर दिए हैं। वहीं, भोज मुक्त विवि प्रदेश की 130 जेलों में बंद अपराधियों को यूजी-पीजी की डिग्री देकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के सभी रास्ते खोल दिए हैं। इसके लिए भोज विवि प्रदेश के सभी 130 जेलों में अपने स्टडी सेंटर खोलेगा, जहां अपराधियों को प्रवेश देकर डिग्री देगा।
उच्च शिक्षा विभाग हर साल प्रवेश की गाइडलाइन जारी करता है। इसमें हमेशा कॉलेजों में अपराधियों को प्रवेश देने की रोक लगा दी जाती है। वर्तमान सत्र 2021-22 में गाइडलाइन के बिंदु क्रमांक 26.2 और 26.3 में अपराधियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इससे प्रदेश के आठ पारंपरिक विवि उन्हें प्रवेश नहीं देंगे।
वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देशित किया है कि न्यायालय में चल प्रकरणों में विद्यार्थियों (आरोपी व मुल्जिम) को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं अपराधियों के प्रवेश देने और नहीं देने पर सोशल मीडिया, मंत्री, राजनेता और पक्ष-विपक्ष सफाई देने में लगे हुए हैं। इसी बीच भोज विवि ने प्रदेश की सभी 130 जेलों में बंद अपराधियों को डिग्री देने का निर्णय कर लिया है।
भोज विवि हरेक जेल में एक स्टडी सेंटर खोलेगा, जहां अपराधी अपने पसंद के सभी विषयों में प्रवेश लेकर अध्ययन कर पाएंगे। उन्हें पढ़ने और लिखने के लिए स्टडी मटेरियल तक दिया जाएगा। जरूरत होने पर उन्हें 15 दिनों का अध्ययन तक कराया जाएगा। उन्हीं जेलों में उनके एग्जाम सेंटर बनाकर परीक्षाएं तक कराई जाएंगी। डिग्री लेकर कारावास से मुक्त होकर वे नौकरी तक कर पाएंगे।
जानें मुल्जिम और मुजरिम में अंतर
मुल्जिम: न्यायालय में प्रकरण विचरणीय होने पर व्यक्ति को मुल्जिम कहा जाता है। जब तक कि उसे दोषी मानते हुए सजा घोषित नहीं होती है।
मुजरिम: कोर्ट आरोप सिद्ध होने पर व्यक्ति दोषी माना जाता है और फिर सजा दी जाती है।