ईशनिंदा कानून नहीं बनाने पर विदेशी सामानों के बहिष्कार की धमकी 

इस्लामाबाद
पाकिस्तान कट्टरपंथियों का देश है और पाकिस्तानी नेता कट्टरपंथियों के आगे अकसर घुटने टेकते रहते हैं। लेकिन, इमरान खान खुद एक कट्टरपंथी हैं और उनके बयानों से जाहिर हो रहा है कि किसी मुल्ले से ज्यादा वो कट्टरपंथी हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून की पूरी दुनिया में आलोचना होती है लेकिन पिछले हफ्ते कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेकने वाले इमरान खान ने अब मुस्लिम देशों के नये मसीहा बनने की कोशिश करनी शुरू कर दी है। ये अलग बात है कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से मिले भीख से खाना खा रहा है।

 पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून के मुताबिक पाकिस्तान के पास सिर्फ 3 हफ्ते का गेहूं बचा है, लेकिन पाकिस्तान की कंगाली से बेफिक्र इमरान खान ने कहा है कि वो यूरोपीयन देशों में भी ईशनिंदा कानून बनवाने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के इस कट्टरपंथी प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील कर दी कि वो यूरोपीयन देशों से आए सामानों का बहिष्कार कर दें। इमरान की कट्टरपंथी सोच! पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। चीनी की कीमत सवा सौ रुपये से ज्यादा है, लेकिन पाकिस्तान के ये प्रधानमंत्री अपने देश को और ज्यादा जहालत में धकेलता जा रहा है। पंजाब प्रांत के मुल्तान में एक सचिवालय का स्थापना करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनका लक्ष्य पश्चिमी देशों में ईशनिंदा कानून बनवाने की है। इसके लिए विश्व के तमाम मुस्लिम देशों से बात करेंगे। 

इसके साथ ही इमरान खान ने अपने देश के लोगों से अपील कर डाली कि वो पश्चिमी देशों के सामानों की बहिष्कार कर दें ताकि पश्चिमी देशों पर प्रेशर आए। यानि इमरान खान ने पश्चिमी देशों को ब्लैकमेल करने की कोशिश की। लेकिन, मुल्ला इमरान ये भूल गये कि पश्चिमी देशों ने अगर एक घंटे के लिए भी पाकिस्तान का बहिष्कार कर दिया तो पाकिस्तान बर्बाद ही हो जाएगा। ये कट्टरपंथियों के देश पाकिस्तान की पुरानी आदत है, यहां पैसे कमाने वाला हर शख्स पश्चिमी देश जाकर रहना चाहता है लेकिन हर पाकिस्तानी पश्चिमी देशों की बुराई करता है। अब सोचिए पाकिस्तान के पास क्या है जो वो पश्चिमी देशों के सामान का बहिष्कार करेगा। पाकिस्तानियों के तन पर लिपटे कपड़े से लेकर हलक से नीचे उतरने वाला अन्न का एक एक दाना पश्चिमी देशों का है और पाकिस्तान ने किस पश्चिमी देश से कर्ज नहीं लिया है।