नई दिल्ली
देश की वैक्सीन निर्मात कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सोमवार (24 मई) को बताया कि कोवैक्सिन की इमरजेंसी यूज लाइसेंस के लिए के लिए आवश्यक 90 प्रतिशत दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को जमा कर दिए गए हैं। और बाकी बचे हुए डॉक्यूमेंट जून 2021 में जमा कर दिए जाएंगे। फार्मा कंपनी ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ से आपात इस्तेमाल की मंजूरी प्राप्त करने के बारे में "आश्वस्त" है। भारत बायोटेक ने ये जानकारी अधिकारिक तौर पर भारत सरकार के अधिकारियों को दी है। बता दें कि भारत में दी जाने वाली कोवैक्सिन को फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल नहीं किया है। अगर मंजूरी मिल जाती है तो कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों को विदेश जाने की अनुमति मिल जाएगी। WHO की वेबसाइट कोवैक्सिन को लेकर क्या अपडेट है? 
हालांकि, डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर 18 मई को EUL/PQ मूल्यांकन प्रक्रिया के भीतर 'नवीनतम कोविड-19 टीकों की स्थिति' में बताया गया है कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को EOI (रुचि की अभिव्यक्ति) प्रस्तुत की और "अधिक जानकारी की आवश्यकता है"। इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि प्री-सबमिशन मीटिंग "मई-जून 2021 की योजना बनाई जाने की उम्मीद है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आपातकालीन उपयोग प्रक्रिया के तहत प्रीक्वालिफिकेशन या लिस्टिंग के लिए इसे प्रस्तुत करना गोपनीय है। यदि मूल्यांकन के लिए सबमिट किया गया कोई उत्पाद लिस्टिंग के मानदंडों को पूरा करता पाया जाता है, तो डब्ल्यूएचओ परिणामों को व्यापक रूप से प्रकाशित करेगा। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इमरजेंसी यूज लाइसेंस की प्रक्रिया की अवधि वैक्सीन निर्माता द्वारा प्रस्तुत डेटा की गुणवत्ता और डब्ल्यूएचओ के मानदंडों को पूरा करने वाले डेटा पर निर्भर करती है।
 
 
            
