आम आदमी कोविड से बच भी जाता हैं तो महंगाई के बोझ से वह मर जाएगा

रायपुर
एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को 5 बजे देश की जनता को संबोधित करने वाले हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में राज्यसभा सदस्य श्रीमती छाया बाई वर्मा, विधायक सत्नारायण शर्मा-विकास उपाध्याय, नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने संयुक्त पत्रकारवार्ता करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर बरसते हुए कहा कि अगर आम आदमी कोविड की बीमारी से बच भी जाता हैं तो वह इस महंगाई की बार से जरुर मर जाएगा क्योंकि हर चीजों के दाम दोगुने गए हैं। अगर सबसे बड़ी आपदा इस देश में हैं तो वह हैं महंगाई।

विधायक सत्नारायण शर्मा ने कहा कि कोरोना के बाद महंगाई भी राष्ट्रीय आपदा साबित हो सकती है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और मिट्टी के तेल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। खाने के तेल के दाम की दोगुने हो गए हैं। रसोई पर बोझ अब और बढ़ेगा जब जनता की जेब में पैसा देना डालना चाहिए उस देश की केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी उनकी जेबों पर महंगाई के जरिए डाका डाल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक साल से भारत की जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असफल रणनीतियों की वजह से कोरोना की बीमारी के समय में जीवन और कठिन हुआ है। इसके वजह अचानक किया हुआ लॉकडाउन, अस्पतालों में आॅक्सीजन की कमी, गलत वैक्सीन की नीति जैसी बातें हैं। हर जगह नरेंद्र मोदी की सरकार विफल दिखाई दे रही है।

विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में साफ तौर पर बताया था कि भारतीय जनता पार्टी के पिछले 7 साल के शासन काल में घरेलू गैस की कीमत दोगुनी हो गई हैं। 1 मार्च 2014 को एलपीजी सिलेंडर की कीमत 410 रुपए प्रति सिलेंडर थी जबकि आज सिलेंडर की कीमत 880 रुपए प्रति सिलेंडर पहुंच गई है। साल 2021 में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 225 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। अब आम आदमी पर इस वजह से महंगाई का बोझ दोगुना हो गया है।

सांसद छाया बाई वर्मा ने कहा कि कोरोना के बाद अब अगर सबसे बड़ी आपदा इस देश में है तो वह है महंगाई। इसे लेकर अब कांग्रेस ने मांग रखी है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ये बताए कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ नहीं रहे तो पेट्रोल की कीमत क्यों बढ़ाई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेता क्यों अनावश्यक बयानबाजी करके जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, हम मांग करते हैं कि रमन सिंह, धरम लाल कौशिक और अजय चंद्राकर महंगाई पर अपना रुख स्पष्ट करें और जनता से माफी मांगे क्योंकि कोरोना महामारी के काल में उनकी सरकार महंगाई बढ़ाने में लगी हुई।