गोरखपुर
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन पत्रों की बिक्री का सिलसिला रविवार को भी जारी रहेगा। लेकिन 3 और 4 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू होगी, जिसकी तैयारियों के लिए दावेदारों ने तैयारी शुरू कर दी है। दावेदार नामांकन संबंधी सभी जरूरी दस्तावेज जुटाने में लगे हैं जिसके क्रम में जिला प्रशासन ने ट्रेजरी चालान से राहत देते हुए चालान पर्ची 385 का विकल्प दिया है। शुक्रवार से यह चालान पर्ची दावेदारों को मिलने लगेगी। उधर जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी पंचायत चुनाव के दावेदारों की मुश्किलों को देखते हुए उन्हें कई राहत प्रदान की है। बैंकों में दावेदारों की लंबी लाइन लगती देख कर जमानत धनराशि जमा करने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ब्लाकों पर चालान पर्ची 385 भेजा है। दावेदार यहां अपने पद के अनुसार नकद जमानत धनराशि जमा कर पर्ची हासिल कर सकते हैं। नामांकन पत्र दाखिल करते समय ट्रेजरी चालान की जगह यह पर्ची भी मान्य होगी।
इसलिए कहते हैं चालान पर्ची
चुनाव में जमानत धनराशि जमा करने के लिए ट्रेजरी चालान बनवाना होता है। पंचायत चुनाव में दावेदारों की संख्या अधिक होने के कारण चालान पर्ची 385 का विकल्प भी दिया जाता है। इस बार चुनाव को लेकर कम समय मिला है। क्लोजिंग का समय होने एवं कई अवकाश होने के कारण बैंकों से सभी का चालान बन पाना संभव नहीं था। इसी कारण इस पर्ची का उपयोग किया जा रहा है। इस पर्ची का नंबर 385 होने के कारण इसे चालान पर्ची 385 कहा जाता है।
पूर्व में निर्मित जाति प्रमाण पत्र भी मंजूर
जाति प्रमाण पत्रों को लेकर भी आरक्षित श्रेणी के मतदाताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनके पास यदि वैध आनलाइन जाति प्रमाण पत्र पहले से भी मौजूद है तो उसे मान्य किया जाएगा। स्पष्ट है कि किसी के पास पहले से ही जाति प्रमाण पत्र मौजूद है तो उसे नया प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है।
सजायाफ्ता नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
नामांकन पत्र दाखिल करते समय मुकदमों और सजा की घोषणा करनी होती है। यदि कोई इस तथ्य को छिपाता है और कोई इसकी शिकायत करता है तो पर्चा खारिज होना तय है। तथ्य छिपाने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। किसी व्यक्ति को दो साल या इससे अधिक की सजा हुई है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेगा। नामांकन दाखिल करते समय दावेदार के ऊपर किसी प्रकार का बकाया नहीं होना चाहिए।