आखिर क्यों पुनीत ने बिग बॉस से निकल कर लगाया होउसेहलप को गले ?

पुनीत इस्सर बिग बॉस के सीजन 8 के स्ट्रॉन्ग प्रतिभागियों में से एक थे. इस दौरान पुनीत ने कई दोस्त बनाए, तो वहीं कईयों से उनकी जमकर लड़ाई भी हुई. 

अपने बिग बॉस के दिनों को याद करते हुए पुनीत ने आजतक को बताया कि इस साल डिजिटल प्लैटफॉर्म की खबर सुन मैं खुश हूं. यह सराहनीय कदम है. आज की टेक्नॉलजी से लोगों को फायदा ही होगा. मैं बिग को हमेशा से करेक्शन सेंटर ही कहता रहा हूं. बिग बॉस आपको सीखाता है कि परिस्थिति चाहे, जैसी भी हो, आपको कैसे पेश आना चाहिए और आप कैसे अपने स्वभाव में एक ठहराव लेकर आते हैं. 

मैं तो एंगर मैनेजमेंट सीखने गया था बिग बॉस

पुनीत अपने बिग बॉस एक्सपीरियंस पर बताते हैं, इस शो से कई यादें जुड़ी हैं. मैं तो शो इसलिए गया था ताकि एंगर मैनेजमेंट सीख सकूं और साथ ही अपने हंगर भी कंट्रोल कर पाऊं. वहां के लोगों से काफी कुछ पाया है. गौतम गुलाटी संग बाप-बेटे का रिश्ता बना, वहीं कुछ दोस्त भी बनें. इस दौरान बिग बॉस के घर में रहकर जो सबसे जरूरी बात मैंने सीखी है, कि अब मैं चीजों को ग्रांटेड नहीं लेता. 

बिग बॉस से निकलते ही अपने हाउस हेल्प को गले लगा लिया 

पुनीत कहते हैं, जब हाउस हेल्प ने चाय बना दी, तो उसे बकवास बोल देते हैं. कमरे में बैठ कर बेल बजाते हुए किसी पर भी ऑर्डर कर डाला. खुद कुछ भी नहीं करते हैं. जब आप घर से बाहर जाते हैं, तो एहसास होता है कि ये छोटी-छोटी चीजें कितनी अहमियत रखती हैं. बिग बॉस से वापस आते ही अपने हाउस हेल्प को गले लगाकर उसे थैंक्यू कहा. जो हमारे साथ सबसे अच्छे होते हैं न, हम उनके लिए बुरा बन जाते हैं. मैंने उन सब कमियों पर काम किया है. इसलिए मैं बिग बॉस को करेक्शन सेंटर मानता हूं. 

रेखा वाले मुद्दे में कुछ कह दूं, तो गलत मतलब न निकल जाए

एक समय अपनी फिल्म की प्रमोशन के लिए पहुंची रेखा से शो के दौरान इग्नोर करने पर पुनीत कहते हैं, मैंने हमेशा इस पर अपनी चुप्पी साधी है. भगवान उनका भला करे. देखिए, मैंने अपना कर्म किया है, उन्होंने अपना कर्म किया. एक मर्यादा बहुत जरूरी है. मैं औरतों के सामने हमेशा इसका ख्याल रखता हूं. कभी-कभी इस सवाल पर हंसी भी आती है कि अगर कुछ कह दूं, तो गलत मतलब निकल आए. मैं तो हमेशा उनके लिए दुआ ही करूंगा. मैं बिग बॉस के उस एपिसोड को भूल आगे बढ़ चुका हूं.