अयोध्या
रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण का शेड्यूल घड़ी की सुई की तरह राइट टाइम चल रहा है। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं कि हमारी ओर से प्रत्येक कार्यदाई संस्था को 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। यही कारण है कि ट्रस्ट महासचिव ने सोशल मीडिया पर सूचना साझा करते हुए जानकारी दी कि 12 मीटर गहरी नींव में अब तक छह मीटर गहराई को भरकर चट्टान तैयार कर दी गयी है। शेष छह मीटर चट्टान अभी ढ़ाली जानी है। ट्रस्ट महासचिव ने इसी सूचना के साथ मंदिर निर्माण स्थल के कार्य की फोटो भी साझा की है।
ट्रस्ट महासचिव की ओर से साझा की गयी फोटो के अनुसार 25 वीं लेयर का काम हो चुका है। मालूम हो कि चार सौ गुणा तीन सौ गुणा 50 फिट लंबे-चौड़े व गहरे नींव में कुल 44 लेयर जो करीब एक फिट मोटाई की कांक्रीट सतह के रुप में ढ़ाली जा रही है, के लिए 15 सितम्बर तक की डेड लाइन निर्धारित की गयी है। डेड लाइन का निर्धारण मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र की ओर से किया गया है। बता दें कि एक लेयर की ढ़लाई और फिर वायब्रो रोलर से उसके काम्पेशन में तीन से चार दिवस तक का समय लग रहा है।
इस दृष्टि से दो जुलाई से दो अगस्त तक 32 दिनों में कम से कम आठ अतिरिक्त लेयर की भी ढ़लाई हो चुकी है। यदि दो जुलाई तक 25 लेयर का काम हुआ था तो छह अगस्त तक 33 लेयर के करीब काम हो चुका है। ऐसे में कुल 11 लेयर का काम अभी शेष रह गया है। अब यदि चार दिन में एक लेयर पूरे होने के लिहाज से गणना करें तो अगले चालीस दिनों से पहले 44 लेयर का काम हर हाल में पूरा हो जाएगा। इसके बाद सात लेयर तक राफ्ट अर्थात पत्थरों की ढ़लाई का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए मिर्जापुर से पत्थरों की ढुलाई का काम आठ जुलाई से ही शुरू हो गया था। तब से लेकर हर तीसरे दिन एक ट्रक पत्थर यहां क्रमश: भेजे जा रहे हैं।